MP: शासकीय अस्पताल में आदिवासी MLA को दवा के बदले मिली गाली, वीडियो वायरल

सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार के साथ रतलाम जिला अस्पताल में डॉक्टर ने गाली गलौज की है। विधायक एक सामान्य मरीज बनकर सर्दी-खांसी का इलाज करवाने पहुंचे थे।

Updated: Dec 06, 2024, 10:40 PM IST

रतलाम। मध्य प्रदेश के शासकीय अस्पतालों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। रतलाम जिला अस्पताल का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां सरकारी अस्पताल का निरीक्षण करने की विधायक जी आम आदमी की तरह पहुंचे थे। उन्होंने वहां डॉक्टर से अपने लिए सर्दी-जुकाम की दवाई देने को कहा लेकिन विधायक जी को को दवाई/गोलियां तो नहीं मिलीं पर डॉक्टर ने उन्हें गालियां जरूर दे दी।

मामला गुरुवार रात रतलाम जिले के सरकारी अस्पताल का है। सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार अपने पीएसओ और दो अन्य लोगों के साथ जिला अस्पताल में किसी मरीज को देखने गए थे। ड्यूटी पर डॉ. सीपीएस राठौर बैठे थे। इस दौरान मरीजों ने डोडियार से ड्यूटी डॉक्टर की शिकायत की। जांच करने के लिए वह स्वयं मरीज बनकर सर्दी-खांसी की दवा लेने गए। इसपर डॉक्टर पर्ची कहां है बोलकर गालियां देने लगे।

इसी बीच विधायक के पीएसओ ने कहा- आपने गाली क्यों दी? पता है कौन हैं ये... विधायक हैं। तब डॉक्टर झल्लाकर खड़े हो जाते हैं और कहते हैं- मैं बताऊं, मैं कौन हूं? शोर सुनकर हॉस्पिटल के प्राइवेट गार्ड और जिला अस्पताल पुलिस चौकी के जवान भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने दोनों को शांत कराया।

विधायक कमलेश डोडियार की शिकायत पर डॉ. सीपीएस राठौर के खिलाफ अनुसूचित जाति जनजाति एवं अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। वहीं, डॉ. राठौर की शिकायत पर पुलिस ने विधायक कमलेश्वर डोडियार, दीपक निनामा, भूरा लाल देवदा, दिनेश माल के खिलाफ डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।

कमलेश डोडियार रतलाम की सैलाना विधानसभा सीट से भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के टिकट पर चुनाव जीते हैं। वीडियो वायरल होने के बाद आदिवासी संगठन भी डॉ. सीपीएस राठौर के विरोध में आ गए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर मैसेज जारी कर कहा है कि जिला अस्पताल में आकस्मिक निरीक्षण के दौरान ड्यूटी डॉक्टर ने विधायक डोडियार को गालियां दीं। जिसकी पूरा आदिवासी समाज घोर निंदा करता है।

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आदिवासी समाज के जनप्रतिनिधि और विधानसभा सदस्य की गरिमा को ध्यान नहीं रखते हुए शर्मनाक अभद्रता की गई है। मरीजों और परिजन के साथ कैसा व्यवहार करता होगा यह डॉक्टर। विधायक को दी गई गाली पूरे आदिवासी समाज का अपमान है। डॉक्टर को अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज कर तत्काल गिरफ्तार किया जाए, नहीं तो जन आंदोलन किया जाएगा।