जबलपुर: नौरादेही अभयारण्य में भड़की आग, 8 किलोमीटर का क्षेत्र हुआ स्वाहा

क्षेत्र के किसानों को अभयारण्य में भड़की आग ने चिंता में ला दिया है, पिछले आठ दिनों से अभयारण्य में आग भड़की हुई है, लेकिन प्रशासन की ओर से आग को रोकने में कोई उचित कदम नहीं उठाया जा रहा है

Updated: Apr 06, 2021, 05:53 AM IST

Photo Courtesy: Dainik Bhaskar
Photo Courtesy: Dainik Bhaskar

जबलपुर। जबलपुर दमोह सीमा पर स्थित नौरादेही अभयारण्य में आग भड़क उठी है। बेलखेड़ा से सटे नौरादेही अभयारण्य में पिछले लगभग आठ दिनों से आग भड़की हुई है। आग लगने से जंगल का अब तक आठ किलोमीटर का क्षेत्र जलकर स्वाहा हो चुका है। लेकिन प्रशासन की ओर से आग पर काबू पाने के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाया गया है। जंगल में बेकाबू आग और आग पर काबू पाने के प्रति प्रशासन के उदासीन रवैए ने क्षेत्र के किसानों में चिंता में डाल दिया है।

जंगल में लगी आग की वजह से क्षेत्र में रहने वाले किसानों को अपने फसल की चिंता सता रही है। जंगल में लगी आग को देखते हुए इलाके के किसानों ने अपनी गेहूं की फसल को काटना शुरू कर दिया। किसानों को डर है कि कहीं आग की लपटें उनके खेतों और फसलों तक न पहुंच जाएं। अभयारण्य में लगी आग के कारण राष्ट्रीय संपदा का नुकसान होने के साथ साथ जीव जंतुओं की मौत हो रही है। जंगल के जानवर भी अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर भाग रहे हैं। आग कितनी भयानक लगी है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, कि जंगल से 15 किलोमीटर दूर खड़े व्यक्ति की नज़र भी आग तक आसानी से पहुंच सकती है। 

यह भी पढ़ें : जब भी जनता को सरकार की ज़रूरत होती है तो शिवराज जी उपवास पर बैठ जाते हैं, शिवराज के स्वास्थ्य आग्रह कर कमल नाथ का वार

अभयारण्य के समीप ही इंदिरा नगर चेक पोस्ट है।चेक पोस्ट चौतरफा आग से घिरा हुआ है। इसी के पास फॉरेस्ट विभाग के कमर्चारियों के परिवार रहते हैं। लेकिन एक हिंदी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक चेक पोस्ट होने के बावजूद आज बुझाने के लिए किसी तरह का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक चूंकि पहाड़ की ऊंचाई ज़्यादा है इसलिए वहां आग को बुझाना काफी मुश्किल है। बीते एक हफ्ते से लगी भयावह आग के कारण अब तक हज़ारों एकड़ का जंगल जलकर स्वाहा हो चुका है।

यह भी पढ़ें : अगर कमल नाथ ने सही केसों में कार्रवाई की होती तो उनकी सरकार नहीं गिरती, वीडी शर्मा पर विवेक तन्खा ने साधा निशाना

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ग्रामीणों ने जंगल में लगी आग का कारण बताया है। ग्रामीणों के मुताबिक महुआ बीनने के लिए सूखे पत्तों में लगाई गई आग के कारण आग ने इतना भयंकर स्वरूप धारण कर लिया है।