MP शांति का टापू, सौहार्द बिगाड़ने में जुटे संघी प्रवृति के लोग, माहौल खराब करना संघियों का एजेंडा: अरुण यादव

मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का अजीबोगरीब दावा, बोले- प्रदेश में नहीं हुई एक भी मॉब लिंचिंग की घटना, अरुण यादव का पलटवार- फिर इंदौर, उज्जैन, रीवा, सतना, नीमच में क्या हुआ

Updated: Sep 03, 2021, 11:07 AM IST

भोपाल। पिछले दो हफ्तों से मध्य प्रदेश मॉब लिंचिंग की रूह कंपाने वाली घटनाओं को लेकर चर्चा में हैं। हालांकि, प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सभी घटनाओं को खारिज कर दिया है। मिश्रा ने कहा है कि प्रदेश में एक भी मॉब लिंचिंग की घटना नहीं हुई है। गृहमंत्री के इस अजीबोगरीब दावे पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता अरुण यादव ने पूछा है कि फिर इंदौर, उज्जैन, रीवा, सतना, नीमच में कहा हुआ? अरुण यादव ने आरोप लगाया है कि संघी प्रवृति के लोग माहौल खराब करने में जुट गए हैं।

नरोत्तम मिश्रा अपने एक दिवसीय खंडवा दौरे पर पहुंचे हुए हैं। इस दौरान स्थानीय पत्रकारों ने जब उनसे सिलसिलेवार तरीके से सामने आ रही बर्बरता की तस्वीरों को लेकर सवाल पूछा तो वे झेंप गए। उन्होंने कहा, 'प्रदेश में एक भी मॉब लिंचिंग की घटना नहीं हुई।' इसके लिए उन्होंने अजीबोगरीब तर्क देते हुए कहा कि मॉब लिंचिंग उसी को कहते हैं जिनमें पीड़ित की हत्या होती है। इतना ही नहीं उन्होंने विपक्ष को शाब्दिक अध्ययन की भी नसीहत दे डाली।

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फिर नीमच में क्या हुआ- अरुण यादव

गृहमंत्री के इस बयान पर दिग्गज कांग्रेस नेता अरुण यादव ने पूछा है कि फिर इंदौर, उज्जैन, रीवा, सतना, नीमच में जो घटनाएं हुई है उन्हें मॉब लिंचिंग नहीं कहते तो क्या कहते हैं? यादव ने पूछा है कि क्या नीमच में आदिवासी को जिस तरह ट्रक से घसीटकर मौत के घाट उतारा वो मॉब लिंचिंग नहीं है। उन्होंने नरोत्तम मिश्रा को ही नसीहत दिया कि वे खुद को थोड़ा अपडेट कर लें। 

माहौल खराब करना संघियों का एजेंडा- अरुण यादव

अरुण यादव ने आगे कहा है कि मध्य प्रदेश शांति का टापू है, जहां सभी लोग मिलजुलकर सौहार्दपूर्ण वातावरण में रहते हैं। यही मध्य प्रदेश की खूबी है। लेकिन जब-जब चुनावी सरगर्मियां शुरू होती है, तब बीजेपी के लोग सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने में जूट जाते हैं। यादव ने कहा कि 2023 विधानसभा चुनाव निकट है और उपचुनाव भी होने वाले हैं। चुनाव को देखते हुए संघी प्रवृत्ति के लोग माहौल को खराब करने में लगे हुए हैं। संघियों का मुख्य एजेंडा ही बंटवारे का है और वे देश को धर्म के नाम पर बांटना चाहते हैं।