PM मोदी का जन्मदिन बेरोजगार दिवस, अर्थव्यवस्था चौपट दिवस दिवस के रूप में मनाएं: जीतू पटवारी

पीएम मोदी का जन्मदिन बेरोजगार दिवस के रूप में मनाने का आह्वान, जीतू बोले- दो गुजराती देश बेच रहे हैं, और दो गुजराती देश खरीद रहे हैं

Updated: Sep 16, 2021, 10:48 AM IST

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मौके पर शुक्रवार को बीजेपी देशभर में सेवा और समर्पण दिवस मनाने जा रही है। वहीं कांग्रेस ने लोगों से आह्वान किया है कि 17 सितंबर को बेरोजगारी दिवस के रूप में मनाया जाए। मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा है कि बीजेपी के सेवा और समर्पण को जनता अच्छी तरह से समझ गयी है। दो गुजराती देश बेच रहे हैं और दो गुजराती देश खरीद रहे हैं।

कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने बुधवार को भोपाल स्थित कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, 'हमारे देश में पूर्व प्रधानमंत्रियों का जन्मदिन मनाने की परंपरा रही है। पंडित नेहरू से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी तक का जन्मदिन उनके कार्यों और उनकी स्मृति के रूप में देश के नागरिक मनाते हैं। लेकिन नरेंद्र मोदी ने देश के लिए कोई ऐसा काम किया ही नहीं जिसके लिए आने वाली पीढ़ियां उन्हें याद करेंगी। इसलिए वे और उनके भक्त मोदी के जीवनकाल में ही उनका जन्मदिन सेवा और समर्पण दिवस के नाम पर मना रहे हैं।' 

पटवारी ने आगे कहा कि, 'पुराने जमाने में बादशाहों के जन्मदिन इस तरह से मनाये जाते थे। क्योंकि बादशाह खुद को जनता का मालिक समझता था। लेकिन खुद को जनता का प्रधान सेवक यानि सबसे बड़ा नौकर कहने वाले नरेंद्र मोदी किस सिद्धांत के तहत जनता के पैसे से अपना जन्मदिन मना रहे हैं।' उन्होंने लोगों से पूछा है कि, 'क्या पीएम मोदी का जन्मदिन बेरोजगारी दिवस के रूप में मनाया जाए, नोटबंदी से आयी तबाही के रूप में मनाया जाए, अर्थव्यवस्था का सत्यानाश करने के रूप में मनाया जाए, किसान विरोधी दिवस, पूंजीपति पूजन दिवस, सत्ता भूख दिवस, ईडी-आईटी रेड दिवस, उद्योग मंद-व्यापार बंद दिवस और कोविड-19 महामारी में 49 लाख लोगों की कथित सरकारी मौतों के दिवस के रूप में मनाया जाए।'

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नीलामी की दुकान खोलकर बैठ गए हैं मोदी: पटवारी

पटवारी ने प्रधानमंत्री का वादा याद दिलाते हुए कहा, 'मोदी ने कहा था, वो लूट रहे हैं सपनों को मैं चैन से कैसे सो जाऊं, वो बेच रहे हैं भारत को, खामोश मैं कैसे हो जाऊं। लेकिन आज वही नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक बनायी गई राष्ट्र की संपत्ति को बेचने के लिए नीलामी की दुकान खोलकर बैठ गए हैं। मोदी ने कहा था हम वादे नहीं इरादे लेकर आये हैं, लेकिन देश देख रहा है कि देश की अर्थव्यवस्था का बंटाधार करना ही इनका सबसे बड़ा इरादा है। मोदी ने कहा था सबका साथ-सबका विकास, लेकिन देश की जनता देख रही है, यह हम दो, हमारे दो की सरकार है। मोदी ने वादा किया था अच्छे दिन आएंगे, लेकिन जनता पूछ रही है, मोदी जी महंगे दिन क्यों आ गए?'

मोदी ने किसानों की आत्महत्या की दर पांच गुनी कर दी: पटवारी

पटवारी ने आगे कहा, 'मोदी ने कहा था कि हर साल दो करोड़ रोजगार देंगे, लेकिन देश को बेरोजगारी में दुनिया में सबसे ऊपर पहुंचा दिया है। इन्होंने कहा था काला धन वापिस आएगा, लेकिन आज स्विस बैंक में 13 साल में सबसे ज्यादा काला धन जमा हो चुका है। इन्होंने कहा था जहां बीमार वहीं उपचार, लेकिन कोविड में लोग अस्पताल के लिए तड़प-तड़प कर मर गए, सांस पाने के लिए तरस गए और मोदी जी प्रोटोकॉल का उपदेश देते रहे। मोदी ने पांच ट्रिलियन की इकॉनामी बनाने का वादा किया था, लेकिन आज 17 भगोड़े 10 ट्रिलियन की संपत्ति लेकर देश से भाग गये। इन्होंने किसानों की आमदनी दोगुनी करने को कहा था, लेकिन आज इन्होंने किसानों की आत्महत्या की दर पांच गुनी कर दी है।'

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कांग्रेस विधायक ने पूछा है कि अच्छे दिन लाने के लिए पीएम मोदी ने क्या किया? उन्होंने कहा, 'मोदी ऐसे अच्छे दिन लेकर आये कि 80 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे पहुंच गए। इन्होंने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को गुलाम बनाने की कोशिश की है। इन्होंने न्याय व्यवस्था पर अंकुश लगाने की कोशिश की। 12-12 राज्यों में विधायक खरीदकर सरकारें गिराने की कोशिश कर इन्होंने लोकतंत्र की हत्या की, अर्थव्यवस्था की हत्या कर दी। मनमोहन सिंह जी के जमाने में जो आर्थिक विकास दर डबल डिजिट में हुआ करती थी, उसे 18 घंटे मेहनत करके मोदी ने माईनस डबल डिजिट में ला दिया।'

झूठ का हिसाब रखने के लिए बेवसाईट बनानी पड़ी: पटवारी

पटवारी के मुताबिक पीएम मोदी ने पिछले पांच साल के कार्यकाल में 1540 ऐसे वादे किए जो आज तक पूरे नहीं हो सके। उन्होंने कहा, 'मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने इतने झूठ बोले कि उनका हिसाब रखने के लिए मोदी लाईज डॉट इन नाम की अलग से बेवसाईट बनानी पड़ी। एमपी सरकार ऐसे समय में उनका जन्मदिन मना रही है, जब प्रदेश महंगाई, महामारी, बेरोजगारी, आदिवासी अत्याचार, महिला अत्याचार और भ्रष्टाचार में नंबर वन हो चुका है। प्रदेश का इस कदर बेड़ा गर्क करने के बावजूद सीएम शिवराज सार्वजनिक मंच से अनिल कपूर की तरह नायक बनने की एक्टिंग करते हैं। मैं शिवराज सिंह चौहान से पूछना चाहता हूं कि एक दिन की नायक की एक्टिंग से 17 साल का खलनायक मिट नहीं सकता।'