प्रधानमंत्री मोदी का भ्रष्टाचार बेनकाब हो गया, इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिए जाने पर बोली कांग्रेस

इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम भ्रष्टाचार का मामला है, जिसमें सीधे-सीधे प्रधानमंत्री शामिल हैं। देश पर इलेक्टोरल बॉन्ड को थोपा गया। जबकि चुनाव आयोग, वित्त मंत्रालय और लॉ मिनिस्ट्री के अधिकारियों ने विरोध किया था: पवन खेड़ा

Updated: Feb 15, 2024, 06:01 PM IST

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार के साल 2017 के फैसले को पलटते हुए इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक करार दिया है। सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि चुनावी बांड स्कीम सूचना के अधिकार और अनुच्छेद 19(1)(ए) का उल्लंघन है। राजनीतिक दलों की फंडिंग के बारे में लोगों को जानने का अधिकार है। न्यायालय का फैसला आने के बाद कांग्रेस केंद्र सरकार पर हमलवार है। कांग्रेस ने इसे सीधे तौर पर पीएम मोदी का भ्रष्टाचार बताया है।

कांग्रेस के मीडिया एवं पब्लिसिटी विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने कहा कि आज माननीय सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इलेक्टोरल बॉन्ड पर एक महत्वपूर्ण फैसला आया है। 2017 में जब इलेक्टोरल बॉन्ड लाया गया था, तब से हमने इसका पुरजोर विरोध किया था।

हमारी आपत्तियां ये थीं- 
- यह प्रक्रिया अपारदर्शी है। 
- भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा।
- काला धन सफेद हो जाएगा। 
- सारा लाभ सत्ता पक्ष को मिलेगा। 
- इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों और सत्ता पक्ष के बीच एक अनकहा-अनदेखा रिश्ता स्थापित हो जाएगा।'

पवन खेड़ा ने आरोप लगाते हुए कहा कि, 'इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम भ्रष्टाचार का मामला है, जिसमें सीधे-सीधे प्रधानमंत्री शामिल हैं। देश पर इलेक्टोरल बॉन्ड को थोपा गया। जबकि चुनाव आयोग, वित्त मंत्रालय और लॉ मिनिस्ट्री के अधिकारियों ने विरोध किया था। आज प्रधानमंत्री और उनका भ्रष्टाचार बेनकाब हो गया है। प्रधानमंत्री ने मनी बिल लाकर इसे कानूनी जामा पहनाया था, ताकि विधायक खरीदे जा सकें, अपने मित्रों को कोयले की खदान, हवाई अड्डे दिए जा सकें।'

खेड़ा ने कहा कि, 'BJP को 'इलेक्टोरल बॉन्ड' में जो 5200 करोड़ रुपए मिले हैं, उसके बदले BJP ने क्या बेचा है? कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करती है और मांग करती है कि- SBI तमाम जानकारी को सार्वजनिक पटल पर रखे, जिससे जनता को मालूम पड़े कि किसने कितना पैसा दिया।
यह स्कीम मोदी सरकार 'मनी बिल' के तौर पर लाई थी, ताकि राज्यसभा में इसपर चर्चा न हो, यह सीधा पारित हो जाए। हमें डर है कि कहीं फिर से कोई अध्यादेश जारी न हो जाए और मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से बच जाए।'

कांग्रेस नेता ने कहा कि, 'आज यह बात साफ हो गई। मोदी सरकार सिर्फ कमीशन, रिश्वतखोरी और काला धन छिपाने के लिए ही 'इलेक्टोरल बॉन्ड' लेकर आई थी। इलेक्टोरल बॉन्ड PM मोदी की 'भ्रष्टाचार बढ़ाओ नीति' की वो साजिश है, जो आज पूरे देश के सामने बेनकाब हो चुकी है। PM मोदी की ऐसी भ्रष्टाचारी नीतियां लोकतंत्र के लिए बेहद घातक हैं, देश के लिए खतरा हैं।'