रायसेन हिंसा मामले में नया मोड़, RSS पर लगा आदिवासियों को भड़काने का आरोप, GGP ने किए कई खुलासे

आदिवासियों के प्रमुख संगठन गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (GGP) के देवीराम भलावी ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस से जुड़े 4 लोगों ने अफवाह फैलाकर आदिवासियों को भड़काया और मुसलमानों पर हमला करने के लिए उकसाया

Updated: Mar 22, 2022, 12:06 PM IST

रायसेन। मध्य प्रदेश के रायसेन में होली के दिन दो समुदायों के बीच हुई खूनी झड़प की घटना को लेकर एक के बाद एक कई खुलासे हो रहे हैं। इस हिंसक घटना से जुड़े कई ऐसे तथ्य सामने आए हैं जो एक गंभीर साजिश की ओर इशारा कर रहे हैं। स्थानीय आदिवासी युवकों ने बताया है कि बीजेपी से जुड़े लोगों ने उन्हें मुसलमानों के खिलाफ न सिर्फ भड़काया बल्कि उनपर हमला करने के लिए भी उकसाया।

रायसेन निवासी नरेंद्र मरकाम जो गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (GGP) के जिलाध्यक्ष भी हैं, उन्होंने वीडियो संदेश जारी कर इस पूरे घटनाक्रम का उल्लेख किया है। मरकाम के मुताबिक खमरिया में जो घटना घटित हुई है वह एक सोची समझी साजिश के तहत हुई है। उन्होंने बताया कि, 'खमरिया के पास आदिवासी युवक बैठकर गालीगलौज कर रहे थे। तभी वहां से गुजर रहे मुस्लिमों को लगा कि ये हमें गाली दे रहे हैं और इसी बात को लेकर दिन में कहासुनी हुई थी। इसके बाद माहौल शांत हो गया था। 

नरेंद्र बताते हैं कि इसके बाद कुछ लोगों ने अफवाह फैलाई कि आदिवासी युवकों ने मुस्लिमों को मार डाला है। वॉट्सऐप ग्रुप्स में ये तेजी से शेयर किया जा रहा था। नरेंद्र ने उसी शाम GGP के कुछ कार्यकर्ताओं को खमरिया भेजा जिन्होंने वहां जाकर बातचीत की और माहौल फिर से शांत हो गया। लेकिन कुछ आरएसएस और बजरंग दल से जुड़े लोग वहां पहुंचे और उन्होंने कहा कि आदिवासियों एक हो जाओ और मुस्लिमों को जला दो, मार दो। उनके उकसाने के बाद आदिवासियों ने हमला कर दिया। नरेंद्र के मुताबिक आसपास के इलाकों में अभी भी कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं।

मामले को लेकर GGP युवा मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता देवीराम भालावी बताते हैं कि बीजेपी से जुड़े संगठन के युवकों द्वारा वॉट्सएप के माध्यम से प्रोपेगैंडा फैलाया गया था। जो विवाद बिल्कुल शांत हो गया था उसे दोबारा से भड़काया गया। देवीराम के मुताबिक उन्हें घायल आदिवासी युवकों ने बताया कि चार अज्ञात लोग भारी संख्या में लड़के लेकर आए थे और उन्होंने ही झगड़ा भड़काया। उन्होंने दावा किया की वहां जानबूझकर आदिवासी और मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक दंगा भड़काया गया। 

देवीराम ने सीएम शिवराज से पूछा है कि आखिर वे कौन लोग थे जिन्होंने राजनीतिक मंसूबों को पूरा करने के लिए आदिवासियों को मुस्लिमों के खिलाफ भड़काया? उन्होंने पुलिस प्रशासन ने मांग की है कि मामूली विवाद को दंगा का रूप देने में संलिप्त लोगों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए। 

GGP का बयान सामने आने के बाद पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा है कि राजनीतिक मक़सद से वहां दंगा कराया गया। उन्होंने मांग की है कि इस मामले की जाँच विधानसभा की सर्वदलीय समिति के द्वारा करवाई जाए। सिंह ने सभी समुदायों से सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की भी अपील की है। बता दें कि होली के दिन रायसेन के सिलवानी तहसील अंतर्गत खमरिया खुर्द गांव में आदिवासी और मुस्लिमों के बीच एक हिसंक झड़प हुई थी जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई थी वहीं 50 से अधिक लोग घायल हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को खमरिया दौरे पर गए हैं।