प्रदेश सरकार ने लॉन्च किया बाहरी डॉक्टरों के लिए नया एप, सेवा के लिए डॉक्टर ख़ुद बनें वालंटियर

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने डॉक्टरों से अपील की है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वे सेवा देने के लिए आगे आएं, एप में रजिस्ट्रेशन के बाद डॉक्टर्स वॉलेंटियर के तौर पर मरीजों का कर सकेंगे इलाज, जिला प्रशासन की मदद से डॉक्टरों को मिलेगी मरीजों की लिस्ट

Updated: May 10, 2021, 10:52 AM IST

Photo courtesy: twitter
Photo courtesy: twitter

भोपाल। कोरोना से मचे हाहाकार के बीच डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे मध्य प्रदेश के मरीजों को घर बैठे देश-विदेश के डॉक्टरों से इलाज कराने का मौका मिल सकता है। प्रदेश सरकार द्वारा ‘मैं एक डॉक्टर-मैं एक वॉलेंटियर' नाम का एप लॉन्च किया गया है। जिसमें देश विदेश के डाक्टरों से जुड़ने की अपील की गई है। इस ऐप से जुड़कर निजी क्षेत्र के डॉक्टर भी जनता को मेडिकल एडवाइज दे सकेंगे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने देश विदेश के इच्छुक निजी डॉक्टरों से अपील की है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सेवा देने के लिए आगे आएं। और सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकार काम करें। दरअसल प्रदेश में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बड़ी संख्या में मेडिकल स्टाफ और डॉक्टरों के संक्रमित होने की वजह से डॉक्टरों की कमी सामने आयी है। जूनियर डॉक्टर्स भी आए दिन अपनी मांगों को लेकर सरकार के सामने सीना ताने हैं। 

ऐसे में डॉक्टर्स की कमी से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने खुद डॉक्टरों से अपील कर दी है कि वे रजिस्ट्रेशन ऑफ डॉक्टर्स एज़ वॉलेंटियर एप के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करवाकर मरीजों के इलाज में सरकार की मदद करें।

 मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का कहना है कि कोरोना महामारी में जनता को बचाने में डॉक्टरों की सबसे अहम भूमिका है। उनका कहना है कि महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में डॉक्टर्स स्वैच्छिक रूप से लोगों का इलाज करने के लिए आगे आएं। डॉक्टरों को एक मंच पर लाने के लिए यह एप शुरु किया गया है। इस एप के जरिए डॉक्टर्स अपना रजिस्ट्रेशन कर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वॉलेंटियर बन सकते हैं। इस एप को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने वर्चुअली लॉन्च किया। इस एप के बारे में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद प्रधान का कहना है कि यह एप कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बेहद उपयोगी साबित होगा। इस ऐप के माध्यम से जुड़कर देश-विदेश के डॉक्टर्स मरीजों का इलाज कर सकेंगे।

 और पढ़ें: भोपाल: आसपास के गांवों में बढ़ रहे कोरोना के मरीज, प्रशासन पर लगा उदासीनता का आरोप, अस्पताल की जगह झोलाछाप डाक्टरों से करवा रहे इलाज

हेल्थ विभाग के ई संजीवनी ओपीडी मोबाइल एप डाउनलोड करने पर रजिस्टर्ड डॉक्टर कोरोना मरीजों का इलाज कर सकेंगे। यह इलाज टेलीमेडिसीन माध्यम से होगा। इस एप के रजिस्टर्ड डॉक्टर्स मरीजों का इलाज करने से पहले अपनी सेवा के क्षेत्र सलेक्शन करेंगे। फिर अपनी सुविधा के हिसाब से दिन और टाइम भी पोर्टल पर दर्ज करेंगे। जिस वक्त पर डॉक्टर उपलब्ध होंगे, एप पर दिखेगा, तभी मरीज उनसे इलाज के लिए संपर्क कर सकेंगे। इस सेवा देने के लिए रजिस्टर्ड डॉक्टर्स जिला कमांड एवं कन्ट्रोल सेंटर पर उपस्थित होकर भी मरीजों को टेली माध्यम से मेडिकल एजवाइज दे सकेंगे। कोरोना मरीजों का इस तरह से इलाज करने के लिए डॉक्टर्स को प्रदेश में होना जरूरी नहीं है। देश-विदेश का कोई भी डाक्टर कही से भी किसी भी मरीज का इलाज कर सकेंगे।

 

गौरतलब है कि यह सेव मैप आईटी के पोर्टल https://mapit.gov.in/covid-19 और एमपी माईगव के पोर्टल https://mp.mygov.in/ के जरिए मिलेगी। इस पोर्टल में अपना मोबाइल नंबर दर्ज करवा कर कोई भी डॉक्टर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकता है। जो वालेंटियर के रूप में प्रदेश में मरीजों का इलाज करने के लिए तैयार हो। पोर्टल में रजिस्ट्रेशन के बाद डॉक्टरों की लिस्ट संबंधित जिलों के कंट्रोल रूम और कलेक्टरों को उपलब्ध करा दी जाएगी। जिसके बाद संबंधित जिला इन डाक्टरों से संपर्क करके उन्हें उस जगह में होम आइसोलेशन या फिर कोविड केयर सेंटर्स में मौजूद मरीजों की लिस्ट देंगे। प्रशासन मरीजों और डॉक्टरों के बीच को आर्डिनेशन का काम करेगा।