MP में नकली रेमडेसिविर का सप्लायर निकला VHP नेता, कांग्रेस ने की सीबीआई जांच की मांग

नकली रेमडेसिविर बेचने के गोरखधंधे में शामिल था जबलपुर सिटी अस्पताल का संचालक सरबजीत मोखा

Updated: May 10, 2021, 09:04 PM IST

जबलपुर। गुजरात में बने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की मध्यप्रदेश में सप्लाई को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का मध्यप्रदेश में सप्लाई करने के मामले में विश्व हिंदू परिषद के नेता सरबजीत मोखा का नाम सामने आया है। मोखा की पहुंच बीजेपी के दिग्गज नेताओं तक होने की बात कही जा रही है। जबलपुर स्थित सिटी अस्पताल का संचालक भी मोखा ही है। मामले में पुलिस ने मोखा समेत तीन अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

कांग्रेस ने इस खुलासे के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने की मांग की है। मध्यप्रदेश कांग्रेस के कद्दावर नेता व राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा है कि इसमें कौन बड़े लोग शामिल हैं उनके नाम सार्वजनिक किए जाएं, वरना हम कोर्ट जाएंगे। तन्खा ने ट्वीट किया, 'CBI को यह मल्टी स्टेट रेमडेसिविर स्कैम सौंपा जाये। तीन हज़ार इंदौर आए और 3,500 हज़ार जबलपुर भी आए। दिल्ली, राजस्थान, छत्तीसगढ़ भी गए। अस्पतालों में किन और कितनो को लगे यह पब्लिक किया जाए। कौन बड़े लोग किन शहरों में लाये यह भी सामने आये। नहीं हुआ तो कोर्ट जाएग़े।' 

मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने आरोप लगाया है कि बीजेपी के लोग इस आपदा में अवसर तलाश रहे हैं। सलूजा ने ट्वीट किया, 'जबलपुर में नक़ली रेमडेसिविर मामले में विहिप से जुड़े अस्पताल  संचालक का नाम, उज्जैन में बेड बेचने के मामले में भाजपा के मंत्री प्रतिनिधि का नाम, मुरैना में अवैध शराब बेचने में केंद्रीय मंत्री से जुड़े भाजयुमो पदाधिकारी का नाम? भाजपा वाले इस महामारी में भी आपदा में अवसर तलाश रहे हैं।' 

फिलहाल इस मामले में ओमती थाने में वीएचपी नेता सरबजीत मोखा, उसके अस्पताल का दवा संचालक देवेश चौरसिया और जबलपुर स्थित भगवती फार्मा के संचालक सपन जैन के खिलाफ धारा 274, 275, 308, 420, 120B, 53 आपदा प्रबंधन अधिनियम, 3 महामारी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर लिया गया है। अबतक मिली जानकारी के अनुसार मोखा ने बीते 23 और 28 अप्रैल को दो कार्टून नकली रेमडेसिविर मंगवाया था और मरीजों को हजारों रुपए में उसे बेच दिया था। 

गौरतलब है कि गुजरात पुलिस ने बीते 1 मई को ही नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के रैकेट का भंडाफोड़ किया था। सपन जैन ने इस खुलासे के बाद बड़ी मात्रा में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन नर्मदा नदी में फेंक दिया था। गुजरात पुलिस की एक टीम मध्यप्रदेश आकर 6 मई को सपन जैन को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई थी। इस बात की भनक लगते ही मोखा माइनर हार्ट-अटैक का बहाना बनाकर अस्पताल में भर्ती हो गया था ताकि गिरफ्तारी से बच सके। उधर जबतक पुलिस मोखा की संलिप्तता की पुष्टि कर पाती तबतक वह फरार हो गया। 

बताया जा रहा है कि मोखा पहले रेलवे में कैशियर था, यहां उसने बड़े पैमाने पर गबन किया था जिस वजह से उसे निकाल दिया गया था। इसके बाद वह प्रॉपर्टी डीलिंग के काम में आ गया। उसने डॉक्टर हस्तक के साथ मिलकर सिटी हॉस्पिटल खोल दिया। बाद में डॉ हस्तक को हटाकर पूरे अस्पताल का मालिक बन गया। वर्तमान में वह विश्व हिंदू परिषद का नर्मदा जिलाध्यक्ष है।