सतना और पन्ना पुलिस में हुई आपसी भिड़ंत, इनामी बदमाशों की हिरासत पर बवाल

सतना एसपी के मुताबिक चूंकि सतना पुलिस सिवील ड्रेस में थी, इसलिए दोनों ज़िलों की पुलिस मिसकम्यूनिकेशन का शिकार हो गई, वहीं पन्ना के पुलिस अधीक्षक ने किसी भी तरह के मिसकम्यूनिकेशन की बात से इनकार किया है

Updated: Sep 07, 2021, 12:43 PM IST

सतना। सतना में दो ज़िलों की पुलिस आपस में ही भिड़ गई। सतना और पन्ना पुलिस की टीम में धक्का मुक्की भी हुई। यह घटनाक्रम चित्रकूट में उस दौरान हुआ जब पन्ना पुलिस चैन लुटेरों को अपनी हिरासत में लेकर पन्ना जा रही थी। इस दौरान सतना पुलिस की टीम भी सिविल ड्रेस में पहुंच गई और आरोपियों को अपने साथ ले जाने की ज़िद करने लगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों ज़िलों की पुलिस में यह भिड़ंत लुटेरों के ऊपर घोषित इनाम को पाने के चक्कर में हुई है।  

5 सितंबर को सतना में चेन स्नैचिंग की चार वारदात हुई थी। इस वारदात के ठीक अगले दिन यानी 6 सितंबर को पन्ना में भी चेन स्नैचिंग की दो वारदात घटित हुईं। सतना के पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने पहले से ही आरोपियों को पकड़ने के लिए टीम घटित कर दी थी। इसके साथ ही आरोपियों को पकड़ कर लाने पर दस हज़ार का इनाम भी घोषित किया था।  

उधर पन्ना पुलिस ने जब अपने ज़िले में हुई चेन स्नैचिंग की वारदात का सीसीटीवी फुटेज खंगाला तब यह पता चला कि वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी वही हैं, जिन्होंने सतना में चार अलग-अलग जगहों पर चेन स्नैचिंग की थी। तीनों आरोपी यूपी के शामली के थे। आरोपियों को पकड़ने के लिए पन्ना के पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीणा ने भी एक टीम घटित कर दी। टीम की कमान कोतवाली थाना के टीआई अरुण सोनी को सौंपी गई।  

सतना और पन्ना पुलिस दोनों ही एक ही गैंग के आरोपियों की तलाश कर रही थी। पन्ना पुलिस मुखबिरों द्वारा सूचना मिलने पर चित्रकूट पहुंच गई। पन्ना पुलिस को यह सूचना मिली थी आरोपी चित्रकूट के पीली कोठी आश्रम के पास रुके हुए हैं। लिहाज़ा पन्ना पुलिस ने वहां पहुंच कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पन्ना पुलिस आरोपियों को पकड़ कर अपने साथ पन्ना लेकर जा ही रही थी कि तभी सतना पुलिस की टीम भी सिविल ड्रेस में वहां पहुंच गई। दोनों पुलिस दल में आरोपियों को हिरासत में लेने को लेकर विवाद शुरू हो गया। चूंकि सतना पुलिस की टीम सिविल ड्रेस में थी, इसलिए पन्ना पुलिस यह समझ नहीं पाई कि सिविल ड्रेस में यह लोग सतना पुलिस से हैं। 

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दोनों पुलिस दल आरोपियों की हिरासत के मसले पर आपस में ही भिड़ गए। दोनों टीमों में धक्का-मुक्की भी हुई। हालांकि कुछ देर बाद जब सीनियर अधिकारियों ने बीच बचाव किया तो मामला शांत हो गया। तीनों आरोपियों को सतना की नयागांव पुलिस को सौंप दिया गया। सतना पुलिस की यह दलील थी कि चूंकि इन आरोपियों ने पहले सतना में वारदात को अंजाम दिया है, इसलिए इन्हें पहले सतना पुलिस ही हिरासत में लेगी।  

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दोनों पुलिस टीमों में हुई यह भिड़ंत चर्चा का विषय बन गई है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि दोनों ही टीमें इनाम के लालच में आकर एक दूसरे से भिड़ गईं। लेकिन इस एक घटना पर दोनों ज़िले के पुलिस अधीक्षकों के अलग-अलग बयान सामने आए हैं। सतना पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि दोनों पुलिस की टीमों में मिसकम्यूनिकेशन और सतना पुलिस की टीम के सिविल ड्रेस में होने के कारण ऐसी स्थिति निर्मित हुई। जबकि पन्ना के एसपी धर्मराज मीणा के हवाले से कहा जा रहा है कि गलतफहमी जैसी कोई बात नहीं थी। वे लगातार सतना एसपी के संपर्क में थे और आरोपियों को पकड़ने के लिए दोनों ज़िलों की पुलिस टीमें संयुक्त ऑपरेशन कर रही थी। 

हालांकि दोनों ही ज़िलों के पुलिस अधीक्षकों दोनों ही टीमों में इनाम की राशि बांटने की घोषणा की है। फिलहाल आरोपियों से सतना के चार अलग-अलग थानों की पुलिस पूछताछ करेगी। पूछताछ पूरी होने के बाद आरोपियों को पन्ना पुलिस के हवाले किया जाएगा।