BJP की पहली लिस्ट से सिंधिया समर्थकों में खलबली, कमलनाथ सरकार गिराने में शामिल पूर्व MLA का टिकट कटा

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बगावत का बिगुल फूंका तो कमलनाथ सरकार गिराने के लिए तत्कालीन विधायक रणवीर जाटव ने भी उनके साथ पाला बदल लिया था, हालांकि अब भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया है।

Updated: Aug 18, 2023, 05:10 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने गुरुवार को 39 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। भाजपा की पहली सूची जारी होने से सिंधिया समर्थकों की नींद उड़ गई है। इसकी वजह है कि कमलनाथ सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाने वाले गोहद से पूर्व विधायक रणवीर जाटव पत्ता साफ हो गया है। भाजपा ने गोहद से उन्हें टिकट देने के बजाए अजा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य को अपना प्रत्याशी बनाया है।

मध्य प्रदेश भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में हारी हुई जिन 39 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, उसमें 12 नए चेहरे हैं। जबकि पिछले चुनावों में हारे हुए 50 फीसदी चेहरों पर दांव लगाया हैं। 14 टिकट उन नेताओं को मिले हैं, जो पिछली बार हारे थे। खास बात ये है कि इस सूची से सिंधिया समर्थकों की नींद उड़ी हुई है। इसकी वजह कमलनाथ सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व विधायक रणवीर जाटव का पत्ता साफ होना है।

2018 विधानसभा चुनाव में गोहद से लाल सिंह आर्य को हराकर ही कांग्रेस के रणवीर जाटव जीते थे।  लेकिन जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बगावत का बिगुल फूंका तो कमलनाथ सरकार गिराने के लिए रणवीर जाटव ने भी उनके साथ पाला बदल लिया था।
रणवीर जाटव जो कि कांग्रेस की टिकट पर 24 हजार वोटों के मार्जिन से चुनाव जीते थे, उपचुनाव में उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था। उपचुनाव में कांग्रेस ने मेवाराम जाटव को अपना उम्मीदवार बनाया था। मेवाराम जाटव ने भाजपा की टिकट से चुनाव लड़े रणवीर जाटव को 11 हजार वोट से हराया था।

जाटव को इस बार भी उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें टिकट देगी। लेकिन भाजपा ने लाल सिंह आर्य को अपना प्रत्याशी घोषित किया। जबकि, लाल सिंह आर्य को ही रणवीर जाटव ने 2018 में हराया। स्पष्ट है कि पार्टी ने यहां सिंधिया समर्थक को तवज्जो देने के बजाए अपने पुराने नेता पर भरोसा जताया है। सिंधिया समर्थकों के लिए पहली सूची का यह पहला झटका है। माना जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व अब कांग्रेस की सरकार गिराकर बीजेपी की ताजपोशी कराने वाले सिंधिया समर्थकों को ठिकाने लगाना शुरू कर दिया है।

हालांकि, उपचुनाव हारने वाले एक और सिंधिया समर्थक अदल सिंह कंसाना टिकट पाने में कामयाब हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आने वाले समय में कई सिंधिया समर्थकों की टिकट कट सकती है। 
बताया जा रहा है कि उप चुनाव हार चुके ग्वालियर पूर्व से मुन्नालाल गोयल, डबरा से पूर्व मंत्री इमरती देवी, मुरेना से रघुराज कंसाना, दिमनी से गिर्राज दंडोतिया और करेरा से जसवंत जाटव की उम्मीदवारी पर भी तलवार लटक रही है। इतना ही नहीं उपचुनाव जितने वाले सिंधिया समर्थकों की टिकट काटे जाने की भी चर्चा है। ऐसा होने पर बीजेपी में एक बार फिर बगावत की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।