सेंधवा एनकाउंटर केस: प्रतिबंधित संगठन सिमी के चार सदस्यों को उम्र कैद की सजा, चार अन्य बरी

2013 के सेंधवा कांड मामले में प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) के 4 सदस्यों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है, इनमें से दो को L ट्रिपल उम्रकैद की सजा सुनाई गई।

Updated: Sep 16, 2022, 12:10 PM IST

भोपाल। सेंधवा एनकाउंटर केस में एनआईए की विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। स्पेशल कोर्ट ने प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) के 4 सदस्यों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इनमें से दो आरोपी ऐसे हैं जिन्हें ट्रिपल उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। वहीं कोर्ट ने चार अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है।

NIA की विशेष अदालत ने शुक्रवार को सिमी के जिन चार आतंकियों को उम्रकैद की सजा उनमें मास्टर माइंड अबू फजल और इमरान नागौरी भी शामिल है। दोनों पहले से ही भोपाल के सेंट्रल जेल में बंद हैं। जबकि दो अन्य आतंकी उमर और सादिक जमानत पर बाहर थे। सुनवाई के दौरान वे पेशी के लिए आए हुए थे। और कोर्ट का फैसला आते ही पुलिस ने तत्काल उन्हें गिरफ्तार कर लिया। दोनों आतंकियों को कड़ी सुरक्षा के बीच चिकित्‍सा परीक्षण के बाद सेंट्रल जेल भेज दिया गया। 

यह भी पढ़ें: PM मोदी के जन्मदिन पर पैदा होने वाले बच्चों को मिलेगी सोने की अंगूठी, तमिलनाडु बीजेपी का ऐलान

NIA कोर्ट के विशेष न्यायाधीश रघुवीर प्रसाद पटेल ने यह सजा सुनाई है। दो आरोपियों अबू फजल और इमरान नागौरी को ट्रिपल उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। बता दें कि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बार्डर पर स्थित सेंधवा के पास सिमी के आतंकियों और एटीएस के बीच 2013 में मुठभेड़ हुई थी। तभी इन आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था।

पूछताछ के दौरान पता चला था कि सादिक और उमेर उज्जैन में सहयोगी आतंकियों को गोला बारूद, हथियार पहुंचाते थे। बता दें कि स्टुडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) एक प्रतिबंधित संगठन है। इस संगठन का गठन 1977 में अलीगढ़ उत्तर प्रदेश में किया गया था। भारत सरकार ने सिमी को इसलिए प्रतिबंधित कर दिया क्योंकि इसके कई सदस्य आतंकियों से जुड़े हुए थे।