Sunita Patel: कांग्रेस एमएलए सुनीता पटेल के सत्याग्रह के आगे झुकी शिवराज सरकार, एएसपी का तबादला पहले होता तो दलित महिला को नहीं करनी पड़ती आत्महत्या
Digvijaya Singh: धरना समाप्त करवाने पहुंचे राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा सरकार एडिशनल एसपी को हटाने की मांग पहले मान लेती तो, दलित महिला नहीं करती आत्महत्या

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पिछले 13 दिनों से धरने पर बैठी कांग्रेस विधायक सुनीता पटेल का सत्याग्रह शनिवार (03 अक्टूबर) को खत्म हो गया है। सुनीता बीते 21 सितंबर से नरसिंहपुर जिले के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ धरने पर बैठी थी। सीएम शिवराज में सुनीता की मांग को मानते हुए जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश तिवारी व उप पुलिस अधीक्षक सीताराम यादव को नरसिंहपुर जिले से हटा दिया है। दोनों अधिकारियों को फिलहाल भोपाल में पदस्थ किया गया है।
सुनीता पटेल के धरना को समाप्त करवाने वरिष्ठ कांग्रेस नेता व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह शनिवार को धरनास्थल पर पहुंचे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शिवराज सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा, 'गाडरवारा के चीचली में एक दलित महिला के साथ बलात्कार की घटना होती है, उस महिला का पति और जेठ थाने में शिकायत दर्ज कराने जाता है, थाना प्रभारी पैसे की मांग करता है, अगर सरकार सुनीता पटेल की एडिशनल एसपी को हटाने की मांग पहले स्वीकार कर लेती तो, वह दलित महिला पुलिस के द्वारा प्रताडित होकर आत्म हत्या करने पर मजबूर नहीं होती।'
बता दें कि सुनीता पटेल का आरोप था कि एडिशनल एसपी के संरक्षण में जिले में सट्टा, जुआ, अवैध शराब, अवैध खनन व अन्य अवैध कारोबार खुलेआम चल रहा है। जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रहते हुए राजेश तिवारी कमीशन खोरी का कार्य भी कर रहे हैं और अपराधियों को उनका पूरा संरक्षण मिलता है।पटेल ने सरकार को भ्रष्ट अधिकारियों को हटाने के लिए 20 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया था जिसके बाद वह अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गईं थी।
कांग्रेस विधायक का धरना समाप्ति के मौके पर पूर्व सांसद रामेश्वर नीखरा, विधायक सज्जन सिंह वर्मा, पिसी शर्मा, जीतू पटवारी, आरिफ मसूद समेत सैंकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे।