मप्र में कल से खुलेंगे वल्लभ भवन, सतपुड़ा
कोरोना लॉक डाउन के दूसरे चरण की अवधि पूरी होने के तीन दिन पहले मप्र की राजधानी भोपाल में राज्यस्तरीय दफ्तर खुलने जा रहे हैं।

कोरोना लॉक डाउन के दूसरे चरण की अवधि पूरी होने के तीन दिन पहले मप्र की राजधानी भोपाल में राज्यस्तरीय दफ्तर खुलने जा रहे हैं। प्रदेश के ग्रीन जोन में आरंभ की गई आर्थिक गतिविधियों के साथ अब रेड जोन वाले भोपाल में सावधानी के साथ कार्यालय शुरू किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बारे में कहा है कि कोरोना से निपटने के लिए मप्र में हर संभव उपाय किए गए हैं। ज्यादा प्रभावित जिलों में अधिकारियों की टीम भेजी जा रही है। सभी पक्षों को जानने वाले अधिकारी शामिल किए गए हैं। ये स्थानीय प्रशासन को सहयोग करेंगे। कोरोना पॉजिटिव के केस लगातार घट रहे हैं। स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। सभी सावधानियां रखते हुए 30 अप्रैलसे वल्लभ भवन, सतपुड़ा, विंध्याचल सहित राज्य स्तरीय कार्यालय खुलेंगे। इनमें 30 प्रतिशत कर्मचारी अधिकारी आएंगे।
गौरतलब है कि सरकार ने भोपाल, इंदौर, उज्जैन, धार और खरगोन को छोड़कर बाकी 47 जिलों के शासकीय कार्यालयों में 21 अप्रैल से 33 फीसदी कर्मचारियों के साथ कामकाज शुरू करने के आदेश दिए थे। भोपाल में वल्लभ भवन और निदेशालय भी एक तिहाई स्टॉफ के साथ खोला जाना था, लेकिन राजधानी के करीब 2600 संदिग्ध लोगों के सैंपल की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर फैसला लेने की सहमति बनी। इस आदेश में सरकार ने कहा था कि जिन जिलों में कोविड-19 का केस 14 दिन से रिपोर्ट नहीं हुआ, वहां 33 फीसदी स्टॉफ के साथ दफ्तर खुलेंगे। ऐसे 26 जिले हैं। बाकी में 21 जिले में 15 से 20 फीसदी स्टॉफ के साथ ही काम चलाया जाएगा। लेकिन इसका निर्णय भी जिला स्तरीय क्राइसेस मैनेजमेंट ग्रुप के साथ बैठक के बाद लिया जाएगा। शासन ने यह भी तय किया है कि जिन जिलों में स्थिति में परिवर्तन दिखता है तो वहां जिला स्तर पर ही आगे का निर्णय लिया जाएगा। इसीलिए वरिष्ठ अधिकारियों को जिलों का प्रभारी बनाया गया है।