आरोपियों ने की थी समझौते की कोशिश, सोने के सिक्कों की चोरी मामले में आया नया मोड़

आदिवासी परिवार से सोने के सिक्के चोरी के मामले में एक और नई FIR दर्ज हुई।आरोपी दबाव बना कर पीड़ित परिवार से समझौता करने की कोशिश कर रहे थे।

Updated: Sep 09, 2023, 03:08 PM IST

अलिराजपुर। मध्य प्रदेश के अलिराजपुर जिले का सोने के सिक्के चुराने के मामला उलझता जा रहा है। आदिवासी परिवार से सोने के 240 सिक्के चोरी के मामले में पहले ही TI समेत 4 पुलिसवालों पर मामला दर्ज है। अब इस मामले में एक और FIR दर्ज हुई है। पीड़ित परिवार पर आरोपी दबाव बना कर समझौता करने की कोशिश कर रहे थे। जिसपर गांव वालों ने फिर से शिकायत दर्ज करा दी।

दरअसल जुलाई महीने अलिराजपुर के पुलिसवालों ने आदिवासियों से सोने के सिक्के लूट लिए थे। गांव वालों की शिकायत ने उच्च अधिकारियों से इसकी शिकायत की तो पुलिस वाले सिक्के लेकर फरार हो गए थे। जांच के लिए एसआईटी की कमेटी बनी लेकिन अभी तक सिक्के नहीं ढु़ंढ पाई। जिससे यह मामला कमजोर हो गया और पीड़ितों से समझौते की कोशिश होने लगी।

बताया जा रहा है कि फरार निलंबित थाना प्रभारी विजय देवड़ा, हेड कॉन्स्टेबल सुरेश चौहान, कॉन्स्टेबल राकेश डावर और वीरेंद्र लगातार वकीलों के संपर्क रहे थे। उन्हीं की सलाह पर एफआईआर लिखाने वाले आदिवासी परिवार से समझौते की साजिश रची गई। फरार पुलिसवालों ने इस काम के लिए पीड़ितों के गांव बेटमा के सरपंच पति छेगा, उप सरपंच गिलदार कुक्षी लाकर स्टांप पर अंगूठा लगवाने की जिम्मेदारी दी। जिससे समझौता हो सके। लेेकिन वे उस कोशिश में कामयाब नहीं हुए।

एसआईटी की टीम को समझौते की भनक लगी तो इस मामले में 4 पुलिसवालों के अलावा गांव के सरपंच और उपसरपंच पर भी FIR दर्ज हो गई। इसके बाद 26 अगस्त को समझौते की कोशिश बेकार होते देख 4 पुलिसकर्मियों ने सरेंडर कर दिया। लेकिन सिक्के कहां गए यह नहीं बताया। एसआईटी के टीम में शामिल अलिराजपुर के एडीशनल एसपी और एसआईटी प्रभारी एसआर सेंगर का कहना है कि आरोपी कानून का कमजोर पक्ष अच्छे से जानते हैं इसलिए सिक्के खोजने में परेशानी हो रही है। 

चारों आरोपी पुलिसकर्मी हैं इसलिए उन्हें थर्ड डिग्री नहीं दी जा सकती है। पूछताछ में उन्होंने सिक्कों के बारे में नहीं बताया। अब हम कोर्ट से नार्को टेस्ट कराने की इजाजत मांग रहे हैं। जिससे लाई डिटेक्टर की मदद से सच का पता लग सके। हालांकि आदालत में नार्को टेस्ट का सच मान्य नहीं होता है। इसके लिए पुलिस को सिक्के ढुंढना पड़ेगा। 

बता दें आदिवासी परिवार को यह सिक्के गुजरात में मजदूरी करने के दौरान एक घर का मलवा उठाते समय मिले थे। इनकी कीमत 1 करोंड़ से भी ज्यादा है। 19 जुलाई को अलिराजपुर के पुलिसकर्मी सादा ड्रेस में पहुंचे और सिक्के लूट कर अपने साथ ले गए।