सीहोर में SC/ST के छात्रों के हॉस्टल की हालत जर्जर, नहीं मिल रहीं बुनियादी सुविधाएं

सीहोर जिला मुख्यालय के पास स्थित एससी-एसटी के छात्रों के हॉस्टल की जर्जर हालत, दीवारों से प्लॉस्टर निकलने लगा। लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं, इस हॉस्टल में 50 छात्र रह रहे हैं। 

Updated: Sep 16, 2023, 06:35 PM IST

सीहोर। मध्य प्रदेश में एक तरफ राजनीतिक दल दलितों और आदिवासियों को साधने के लिए बड़े-बड़े दावे कर रहें हैं। वहीं प्रदेश के सीहोर जिले में स्थित एससी एसटी के छात्रों के एक छात्रावास की हालत जर्जर अवस्था में है। यहां यूजी और पीजी पाठ्यक्रमों में पढ़ने वाले 50 छात्र रहते हैं। लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। 

सीहोर के जिला मुख्यालय के पास स्थित इस हॉस्टल की हालत इतनी खराब है कि दीवारों से प्लास्टर उखड़ रहा है। छात्रावास का परिवेश में चारों तरफ कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। कई बार विद्यार्थियों को बिजली तक नहीं मिल पाती क्योंकि बिजली की लाइनें काफी पुरानी हो चुकी हैं। हॉस्टल में न वाईफाई, न कंप्यूटर और न लाइब्रेरी की सुविधा मिल रही है। यहां के कई छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन फिर भी छात्रावास में कोई किताबें, समाचार पत्र और पत्रिकाएँ उपलब्ध नहीं हैं।

छात्रावास के चारों ओर कूड़े का ढेर लगा है। जिस कारण खेलने के लिए मैदान भी नहीं बचा है। यहां रहने वाले छात्र इन सब समस्याओं की शिकायत एससी/एसटी कल्याण विभाग के अधिकारियों से कर चुके हैं। लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। एससी/एसटी कल्याण विभाग के समन्वयक हिरेंद्र कुशवाहा ने मीडिया से कहा कि विभाग ने पुराने छात्रावास भवनों की सूची बनाई है। लागत का अनुमान बनाकर इनकी मरम्मत की जाएगी। 

उन्होंने आगे कहा कि बजट स्वीकृत होते ही काम शुरू हो जाएगा। अनुसूचित जाति/जनजाति के विद्यार्थियों के लिए जिले में 77 छात्रावास हैं। जहां 4,000 से अधिक एससी/एसटी के छात्र रहते हैं। इन सभी छात्रावासों में कक्षा छह से स्नातकोत्तर तक के छात्रों के रहने की व्यवस्था है। लड़कों के लिए 25 और लड़कियों के लिए 23 छात्रावास हैं। इसके अलावा, छोटे लड़कों के लिए 20 और छोटी लड़कियों के लिए नौ छात्रावास हैं। इन छात्रावासों का संचालन एससी/एसटी कल्याण विभाग कर रहा है।