हजारों बेजुबान पशु महामारी की चपेट में हैं, लंपी वायरस को लेकर दिग्विजय सिंह ने सीएम चौहान को लिखा पत्र

मध्य प्रदेश ने लंपी वायरस के बढ़ते प्रकोप को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने चिंता जताई है, उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर आवश्यक कदम उठाने की मांग की है।

Updated: Oct 17, 2022, 12:11 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में लगातार लंपी वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। राज्य के कई जिलों में गौवंश की मौत का तांडव चल रहा है। बेजुबान पशुओं की हो रही मौतों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर आवश्यक कदम उठाने की मांग की है।

सीएम चौहान को संबोधित पत्र में राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह लिखते हैं कि, 'किसान नेता केदार शंकर सिरोही ने अवगत कराया है कि पशु चिकित्सकों की कमी के कारण मध्य प्रदेश के 26 जिलों में फैले लंपी वायरस से अत्याधिक पशुओं की मृत्यु हो रही है। पूरे देश में इस वायरस से अब तक 20 लाख पशुधन चपेट में आ चुके हैं। मध्य प्रदेश में भी 150 से अधिक गौवंश की मृत्यु हो चुकी है जबकि 7,686 पशु ग्रसित हो चुके है।' 

सिरोही के हवाले से पूर्व सीएम ने आरोप लगाया कि पशुपालन विभाग के अधिकांश पशु चिकित्सक पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं। सिंह के मुताबिक कई समाचार पत्रों एवं न्यूज चैनलों पर वर्ष 2021 में भी इस बात का खुलासा किया गया था कि पशुपालन विभाग अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। 

कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री से पूछा कि जिन पशु चिकित्सकों को फील्ड पर होना चाहिए वह पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में क्या कर रहे हैं? उन्होंने लिखा कि, 'पशुपालन विभाग में अधिकारियों/कर्मचारियों की कमी होने के बाद भी विभाग पशु चिकित्सकों को किस आधार पर प्रतिनियुक्ति पर अन्य विभाग में पदस्थी की अनुमति प्रदान कर सकता है। आज प्रदेश के हजारों बेजुबान पशु इस महामारी से ग्रसित है। और जिम्मेदार आंख बंद किये हुए हैं।'

यह भी पढ़ें: अम्मी ने डांटा तो गुस्सा होकर थाने पहुंचा दो साल का नन्हा सद्दाम, पुलिस से की शिकायत

सिंह ने मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में तेजी से फैल रहे लम्पी वायरस पर शीघ्र नियंत्रण करने हेतु आवश्यकतानुसार अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ पशु चिकित्सकों की सेवाएं विभाग को वापस सौपकर इन्हें तत्काल फील्ड में पदस्थ करते हुए इस महामारी से बेजुबान पशुओं को बचाने का कष्ट करें।

बता दें कि प्रदेश के दर्जनों जिलों से लगातार गौवंशो की मौत की खबरें आ रही हैं। लेकिन इलाज तो दूर मौत के बाद गायों को इधर उधर फेंक दिया जा रहा है। कल ही गोहद नगर पालिका का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था, जिसमें निगमकर्मी लंपी वायरस से पीड़ित गायों के शव को ट्रैक्टर-ट्राली से बेसली नदी के पुराने पुल से नीचे फेंक रहे थे। जबकि लंपी वायरस से ग्रस्त गाय के शव को नियम अनुसार जमीन में दफनाए जाने का प्रावधान है। खुले में या पानी में फेंके जाने से इस वायरस से अन्य पशुओं के ग्रस्त होने की भी संभावना रहती है।