उज्जैन में शुरू हुआ बीजेपी का ट्रेनिंग कैम्प, दलबदलुओं को विचारधारा से जोड़ने की कवायद

सीएम शिवराज और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने की प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन, सिंधिया समर्थकों को पार्टी की रीति-नीति बताना मुख्य फोकस, दलबदलुओं और संगठन के पुराने लोगों में सामंजस्य बिठाने की भी कोशिश

Updated: Feb 12, 2021, 08:41 AM IST

Photo Courtesy: Twitter
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उज्जैन। मध्यप्रदेश बीजेपी के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत हो गई है। सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने आज सुबह 11 बजे शिविर का उद्घाटन किया। बताया जा रहा है कि इस दो दिवसीय ट्रेनिंग कैम्प में सात सत्र होंगे, जिसमें वरिष्ठ नेतृत्व पार्टी नेताओं का मार्गदर्शन करेंगे। माना जा रहा है कि इस ट्रेनिंग कैम्प का फोकस सिंधिया समर्थक विधायकों पर रहेगा।

बीजेपी ने इस ट्रेनिंग कैम्प के लिए अपने सभी 126 विधायकों को बुलाया है। उज्जैन के निजी होटल में आयोजित इस शिविर में ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहेंगे साथ ही पार्टी के अन्य दिग्गजों का भी जमावड़ा रहेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक आज शिविर के पहले दिन चार सत्र होगा, वहीं कल तीन सत्र के बाद शिविर का समापन कर दिया जाएगा। इस दौरान राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश जी, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, कैलाश विजयवर्गीय, केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते समेत कई दिग्गज सत्र को संबोधित करेंगे।

दलबदलुओं के लिए पाठशाला

बीजेपी के इस ट्रेनिंग कैम्प को दलबदलुओं का पाठशाला के तौर पर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि इस कैम्प का मुख्य मकसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए विधायकों को बीजेपी के रंग में रंगने के लिए पार्टी की रीति-नीति बताना और संगठन के नेताओं से सामंजस्य बिठाना है। इस दौरान नए भाजपाइयों को  पार्टी की गाइड लाइन, पार्टी अनुशासन का पालन, आरएसएस का विचार, सोशल मीडिया की उपयोगिता, कार्यकर्ताओं से जनप्रतिनिधियों का व्यवहार आदि विषयों पर संगठन के नेताओं द्वारा ट्रेनिंग दी जाएगी।

इस प्रशिक्षण शिविर को प्रदेश में होने वाले आगामी निकाय चुनाव के मद्देनजर भी अहम माना जा रहा है। इसके अलावा विधानसभा सत्र से पहले सीएम शिवराज अपने विधायकों को जरूरी टिप्स देंगे ताकि सत्र के दौरान किसी विधायक से किसी तरह की चूक ना हो। विधानसभा का बजट सत्र 22 फरवरी से बुलाया गया है। इसी सत्र में विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव भी होना है। मध्य प्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिनमें से 126 विधायक बीजेपी के हैं। कांग्रेस के 96 विधायक हैं।