OBC आरक्षण की मांग को लेकर आर-पार के मूड में उमा भारती, भोपाल में बुलाई बड़ी बैठक

महिला आरक्षण विधेयक को लेकर भाजपा नेत्री व मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने खुले तौर पर अपना विरोध जताया है। उन्होंने कोटे के भीतर कोटा की मांग उठाई है।

Updated: Sep 22, 2023, 05:14 PM IST

भोपाल। भाजपा की कद्दावर नेत्री व मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती अपनी ही पार्टी की मुश्किलें बढ़ाती नजर आ रही हैं। उमा भारती ने महिला आरक्षण बिल के विरोध में मोर्चा खोल दिया है। वह कोटे के भीतर कोटा की मांग को लेकर आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। इसे लेकर उन्होंने 23 सितंबर को राजधानी भोपाल में समाज के नेताओं की बड़ी बैठक बुलाई है।

उमा भारती ने अपने आवास पर ओबीसी नेताओं के साथ बैठक की तस्वीरें ट्वीट कर लिखा, 'आज राज्यसभा में भी महिला आरक्षण बिल पूर्ण बहुमत से पारित हो गया। अब यदि पिछड़े वर्गों को स्थान देने के लिए एक और संशोधन का मार्ग निकालना है इसलिए भोपाल शहर के एवं उसके आसपास के पिछड़े वर्ग के प्रमुख नेताओं के साथ विचार विमर्श हुआ। 23 सितंबर को एक और बड़ी बैठक बुलाने का फैसला हुआ।'

बता दें कि लोकसभा और राज्यों की विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाला नारी शक्ति वंदन बिल संसद के दोनों सदनों से भले ही पास हो गया हो, लेकिन बीजेपी के अंदर ही इसके विरोध के स्वर उठने लगे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने इसको लकर खुले तौर पर अपना विरोध जताया है। माना जा रहा है उमा भारती ओबीसी महिलाओं को आरक्षण की मांग को लेकर बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में हैं।

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा है कि, 'हमारी पार्टी की सरकार ने इसको जिस भी रूप में पारित किया वह आज स्वीकार है किंतु पार्टी की मर्यादा में रह कर लोकतांत्रिक तरीक़े से जब तक यह विधेयक लागू नहीं होता तब तक ओबीसी आरक्षण के संशोधन के लिए दृढ़निश्चयी बने रहेंगे। यह आरक्षण संविधान में विशेष संशोधन हैं तो देश की 60 % आबादी ओबीसी के लिए एक संशोधन और किया जा सकता है।'

लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश होने से कुछ घंटे पहले ही उमा भारती ने 19 सितंबर की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था। उन्होंने कहा था कि वह इस बात से निराश हैं, कि विधेयक में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं, लेकिन इसमें ओबीसी महिलाओं के लिए कोई कोटा तय नहीं किया है। बहरहाल, उमा भारती जिस लाइन पर चल रही हैं, वह पार्टी के वर्तमान रुख से पूरी तरह अलग है। अब देखना होगा कि भविष्य में उमा भारती का रुख क्या होगा।