Vikas Dubey Encounter : Uma Bharti ने पूछे तीन सवाल
Vikas Dubey Encounter Live Updates : उमा भारती ने कहा कि एनकाउंटर पर CM शिवराज सिंह और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से बात करूंगी
भोपाल। बीजेपी नेता उमा भारती ने विकास दुबे के उज्जैन घटनाक्रम को रहस्मयी बताया है। उमा भारती ने तीन सवाल उठाते हुए कहा है कि विकास दुबे का उज्जैन पहुंचना अब तक अनुत्तरित है। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने ट्वीट करते हुए कहा है कि तीन बातें रहस्य की परत में है। पहला कि वह उज्जैन तक कैसे पहुंच गया? दूसरा, वह महाकाल परिसर में कितनी देर रहा? तीसरा यह कि उसको पहचाने जाने में इतना समय कैसे लग गया? जबकि उसका चेहरा टीवी पर इतना ज़्यादा देखा गया कि कोई भी उसे एक नज़र में पहचान सकता था।
उमा भारती ने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा है कि ' मैं मुख्यमंत्री और गृह मंत्री पर इस विषय में बात ज़रूरी करूंगी, लेकिन यह सच्चाई तो सामने आ गई कि भगवान महाकाल ने देवेन्द्र मिश्र जैसे ईमानदार पुलिस वाले के हत्यारे का संहार कर दिया।
2. अब तीन बातें रहस्य की परत में हैं-(1) वह उज्जैन तक कैसे पहुंचा? (2) वह महाकाल परिसर में कितनी देर रहा? (3) उसका चेहरा टीवी पर इतना दिखा कि उसे कोई भी पहचान लेता तो उसको पहचाने जाने में इतना समय कैसे लगा?
— Uma Bharti (@umasribharti) July 10, 2020
यूपी पुलिस को बधाई
उमा भारती ने विकास दुबे के एनकाउंटर पर उत्तर प्रदेश पुलिस को बधाई प्रेषित किया है। उमा भारती ने ट्वीट किया है ' देवेंद्र मिश्र जैसे ईमानदार डीएसपी एवं उनके साथ 8 पुलिस अधिकारी एवं सिपाहियों की निर्मम हत्या करने वाले राक्षस विकास दुबे को मार गिराने के लिए यूपी पुलिस को बधाई, यूपी पुलिस की जय हो। अभी भी उसने भाग निकलने की चेष्टा की किंतु वह मार गिराया गया।'
विकास दुबे के एनकाउंटर पर सवाल उठ रहे हैं
विकास दुबे को मध्य प्रदेश से अपने हिरासत में लेकर जा रही एसटीएफ ने शुक्रवार सुबह मार गिराया है। यूपी पुलिस के दावों के मुताबिक शुक्रवार सुबह एसटीएफ विकास दुबे को सड़क मार्ग के रास्ते अपने साथ कानपुर ले जा रही थी। गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे ने भागने की कोशिश की। उसने पुलिसकर्मी की पिस्टल से पुलिस पर फायरिंग भी की। पुलिस ने बचाव में फायरिंग की। इस मुठभेड़ में विकास दुबे की मौत हो गई।
इसके बाद से ही विकास दुबे के एनकाउंटर पर सवाल उठ रहे हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि विकास दुबे के तार बहुत ऊंचे पदों पदासीन लोगों से जुड़े थे। ऐसे में विकास दुबे अगर ज़िंदा रहता तो उसको संरक्षण देने वाले कई रसूखदार लोगों के नामों का खुलासा हो सकता था। उसको संरक्षण देने वालों का नाम उजागर न हो पाए, इसलिए एक सोची समझी रणनीति के तहत उसका फर्जी एनकाउंटर किया गया है।