Vivek Tankha: संसद, कोर्ट बंद तो जेईई नीट परीक्षा क्यों
JEE-NEET Exam 2020: सांसद विवेक तंखा का सवाल संसद बुलाना, अदालतों में शारीरिक सुनवाई सुरक्षित नहीं है तो परीक्षा लेना कैसे सुरक्षित
नई दिल्ली। 1 सितंबर से देश भर में इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रवेश परीक्षाओं का दौर शुरू हो जाएगा। एक सितंबर से जेईई की परीक्षाओं का आयोजन शुरू होना है तो वहीं नीट की 13 सितंबर को परीक्षा आयोजित होगी। कोरोना के संकट काल में परीक्षाओं के आयोजन पर सवाल खड़ा हो गया है।
शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में नीट और जेईई की परीक्षाओं के आयोजन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, जिसके बाद तमाम राजनेता मानव संसाधन मंत्री और मोदी सरकार से छात्रों के भविष्य के साथ खतरा मोल लेने से बचने की बात कर रहे हैं। सभी कह रहे हैं कि सरकार को परिस्थितियां सामान्य होने पर परीक्षाएं लेनी चाहिए। इसी संबंध में कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता विवेक तंखा ने मोदी सरकार पर यह आरोप लगाया है कि मोदी सरकार भारतीय युवाओं को ख़तरे में डाल रही है।
If convening Parliament is not safe, physical hearing in courts not safe , opening schools & colleges not safe then how is appearing for exams safe !! Students will hv to travel long distances to select centres.
— Vivek Tankha (@VTankha) August 22, 2020
Why is Modi Sarkar putting Indian youth into danger !!
कांग्रेस नेता विवेक तंखा ने ट्वीट करते हुए कहा हुए कहा है कि 'अगर संसद बुलाना सुरक्षित नहीं है, अदालतों में शारीरिक सुनवाई सुरक्षित नहीं है, स्कूल और कॉलेज नहीं खुल रहे हैं तो परीक्षाओं के आयोजन को कैसे सुरक्षित करार दिया जा सकता है?' तन्खा ने आगे कहा कि केंद्र चुनने के लिए छात्र लंबी दूरी की यात्रा करेंगे। कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि आखिर यह सरकार भारतीय युवाओं को ख़तरे में क्यों डाल रही है?
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इससे पहले विवेक तन्खा ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर फैसले पर पुनर्विचार करने हेतु अनुरोध किया है। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने मानव संसाधन मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि जेईई और नीट की परीक्षाओं के आयोजन के ऐलान भर से छात्रों में तनाव का माहौल है। देश भर में छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षाओं को टालने की मांग कर रहे हैं।तन्खा ने कहा है कि देश भर में आकस्मिक लॉक डाउन लगने और अचानक से पढ़ाई ठप होने के कारण छात्रों की पढ़ाई नहीं हो पाई है। ऐसे में परीक्षाओं को थोड़े और समय के लिए आगे बढ़ा देने से छात्रों का तनाव कम हो जाएगा।