कांग्रेस सरकार आएगी तो भोपाल में बाबा साहेब का सबसे बड़ा स्मारक बनाएंगे: महू में कमलनाथ का बड़ा ऐलान

हम बाबा साहेब के जीवन से जुड़े स्थानों को पंचतीर्थ बनाएंगे, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दोहराई छः साल पुरानी घोषणा, कमलनाथ बोले- संविधान निर्माता की जन्मस्थली पर भी मुख्यमंत्री झूठ बोलते हैं।

Updated: Apr 14, 2023, 02:32 PM IST

महू। देशभर में आज संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर की 132वीं जयंती आज मनाई जा रही है। इंदौर के महू में बाबा साहेब आंबेडकर की जन्मस्थली पर दिग्गजों का तांता लगा हुआ है। राज्यपाल मंगुभाई पटेल, सीएम शिवराज सिंह चौहान, पूर्व सीएम कमलनाथ से लेकर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव आज यहां पहुंचे थे। सभी नेताओं के स्मारक पर नमन कर बाबा साहेब को याद किया। इस दौरान पीसीसी चीफ कमलनाथ ने ऐलान करते हुए कहा कि यदि मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार आएगी तो हम राजधानी भोपाल में बाबा साहेब का सबसे बड़ा स्मारक बनाएंगे।

महू में पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि, 'आज बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती है। आज का दिन ऐतिहासिक है। हमारे देश की संस्कृति को जोड़ते हुए बाबा साहेब ने हमें संविधान दिया। लेकिन दुख की बात है कि संविधान निर्माता की जन्मस्थली पर भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान झूठ बोलते हैं। वे झूठी घोषणाएं करते हैं। वे कई बार कह चुके हैं बाबा साहेब के नाम पर पंच तीर्थ बनाएंगे, लेकिन आज तक नहीं बनाया। मैं पुनः बोल रहा हूं हमारी सरकार आएगी तो हम भोपाल में सबसे बड़ा बाबा का स्मारक बनाएंगे।'

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दरअसल, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आज संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर के जन्मदिवस पर छः साल पुरानी घोषणा को दोहराया। उन्होंने कहा कि हम बाबा साहेब के जीवन से जुड़े स्थानों को पंचतीर्थ बनाएंगे। सीएम की आज की घोषणा पर कांग्रेस हमलावर है। कांग्रेस ने 6 साल पुराने अखबारों की कटिंग शेयर की, जिससे साफ है कि सीएम शिवराज ने यही घोषणा 2017 में भी की थी।

झूठ पकड़े जाने पाए राज्य सरकार ने आज आनन-फानन में छुट्‌टी के दिन ही धर्मस्व विभाग को ​​​पंचतीर्थ को तीर्थ दर्शन योजना में शामिल करने का आदेश जारी कर दिया है। दिलचस्प बात ये है कि सीएम शिवराज ने आज कहा कि बाबा साहेब के जीवन से जुडे़, जिसमें जन्म भूमि महू, शिक्षा भूमि लंदन, दीक्षा भूमि नागपुर, महापरिनिर्वाण भूमि दिल्ली और चैत्य भूमि मुंबई को पंचतीर्थ में जोड़ा है। लेकिन जो सरकारी आदेश जारी हुई है उसमें लंदन का जिक्र नहीं है। धर्मस्व विभाग द्वारा जारी आदेश में लंदन को पांच स्थानों में नहीं जोडा। विभाग ने पंचतीर्थ में लंदन के जगह संतरविदास मंदिर वाराणसी को जोड़ा है। आदेश से स्पष्ट है कि सरकार की कथनी और करनी में कितना अंतर है।