संसद की कैंटीन में सब्सिडी हटने के बाद 100 रुपये की मिलेगी थाली, चाय-कॉफी के दाम में राहत बरकरार

आगामी संसद सत्र से तीन गुना महंगी हुई संसद की कैंटीन की थाली, पहले 35 रुपये में मिलने वाली वेज थाली के लिए अब चुकाने होंगे 100 रुपए, वेज बुफे 500 और नॉनवेज बुफे हुआ 700 रुपए का

Updated: Jan 27, 2021, 12:01 PM IST

Photo Courtesy: Wikipedia
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दिल्ली। संसद भवन की कैंटीन में मिलने वाला खाना अब महंगा हो गया है। 29 जनवरी से शुरु होने वाले सत्र से यहां मिलने वाली सब्सिडी को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। नई रेट लिस्ट के अनुसार संसद की कैंटीन में 100 रुपए में वेज थाली मिलेगी, पहले यह थाली मात्र 35 रुपए में मिलती थी। अब कैंटीन में नॉनवेज बुफे के लिए 700 रुपए चुकाने होंगे। वेज बुफे लंच 500 में किया जा सकेगा। 

 कैंटीन की ओर से जारी नई रेट लिस्ट के अनुसार सबसे सस्ती तवा रोटी तीन रुपए में मिलेगी, जबकि तंदूरी रोटी की कीमत 5 रुपए रखी गई है। चिकन बिरयानी 100 रुपए, चिकन करी 75 रुपए, प्लेन डोसा 30 रुपए, मटन बिरयानी 150 रुपए, वेजिटेबल पकौड़े 50 रुपए प्लेट की दर से मिलेंगे। समोसा 10 रुपए, कचौरी 15 रुपए, पोहा 20 रुपए प्लेट, जबकि मौसमी फलों का जूस 60 रुपए प्रति गिलास की दर से उपलब्ध होगा।

अब तक संसद की कैंटीन को हर साल लगभग 17 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिल रही थी। चाय और कॉफी के रेट मे कोई बदलाव नहीं किया गया है, चाय 5 रुपये औऱ कॉफी 10 रुपये में मिलती रहेगी। एक सामान्य सत्र के दौरान रोजाना संसद की कैंटीन में औसतन 4,500 लोग भोजन करते रहे हैं। जिनमें संसद के कर्मचारियों और पत्रकारों की बड़ी तादाद होती रही है। 

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद की कैंटीन में मिलने वाली सब्सिडी को पूरा तरह से समाप्त कर दिया है। जिसके बाद कैंटीन का खाना महंगा हो गया है। कैंटीन की सब्सिडी खत्म होने से हर साल 8 करोड़ रुपये की बचत होगी। अब इस कैंटीन की संचालन उत्तर रेलवे के बजाय अब आईटीडीसी संसद की कैंटीनों का संचालन करेगी। दरअसल लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी ने एक राय से सब्सिडी खत्म करने पर सहमती दी है। इस कमेटी में सभी दलों के सदस्य शामिल हैं। कैंटीन में मिलने वाला खाना तय दाम पर ही मिलेगा।

करीब 52 साल बाद संसद की कैंटीन चलाने का जिम्मा रेलवे से छिन गया है। अब कैंटीन संचालन की जिम्मेदारी भारतीय पर्यटन विकास निगम ITDC को सौंपी जा रही है। ITDC  केंद्र सरकार के पर्यटन विभाग का विंग है, जो देश में अशोका होटल समूह संचालित करता है।

उत्तर रेलवे 1968 से संसद की कैंटीन में भोजन व्यवस्था संचालित कर रहा था। कैंटीन में करीब 100 स्टाफ कार्यरत था, जिसमें उत्तर रेलवे के रसोइये, वेटर, खाना परोसने वाला स्टाफ, किचन स्टाफ और मेंटेनेंस में लगे लोग शामिल थे। संसद सत्र की अवधि में इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन के और 75 स्टाफ तैनात किए जाते थे।

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संसद का आगामी बजट सत्र 29 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा। कोरोना के मद्देनजर दो पालियों में सेशन होगा। पहली पाली में राज्यसभा और दूसरी पाली में लोकसभा की बैठकें होंगी। राज्यसभा की बैठक सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक और लोकसभा की कार्यवाही शाम चार से रात आठ बजे तक होगी।