बिलकिस बानो गैंगरेप केस के 11 दोषियों ने किया सरेंडर, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फिर पहुंचे जेल

बिलकिस बानो गैंगरेप केस में 11 दोषियों ने रविवार रात पंचमहाल जिले की गोधरा सेंट्रल जेल में सरेंडर कर दिया। इन सभी को मुंबई की अदालत में 2008 में उम्रकैद की सजा दी थी। गुजरात सरकार ने इन्हें अगस्त, 2022 में समय पूर्व रिहाई दी थी।

Updated: Jan 22, 2024, 02:26 PM IST

अहमदाबाद। बिलकिस बानो गैंगरेप केस के 11 दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरेंडर कर दिया है। रविवार देर रात गोधरा जेल अधिकारियों के सामने उन्होंने सरेंडर कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस से गैंगरेप के दोषियों को समय से पहले रिहा करने के गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने सभी दोषियों को दो हफ्ते के भीतर यानी 21 जनवरी तक सरेंडर करने के लिए कहा था।

सरेंडर करने वाले सभी 11 दोषी दो वाहनों में सवार होकर दाहोद जिले के सिंगवाड से गोधरा उप-जेल पहुंचे। दोषियों में राधेश्याम शाह, जसवंत नई, गोविंद नई, केसर वोहनिया, बाका वोहनिया, राजू सोनी, रमेश चंदना, शैलेश भट्ट, बिपिन जोशी, प्रदीप मोधिया और मितेश भट्ट शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक, सभी आरोपियों को ट्रैक किया था। सरेंडर के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बिलकिस बानो गैंगरेप मामले के 11 दोषियों के सरेंडर की अवधि बढ़ाने की याचिका खारिज कर दी थी। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने कहा कि दोषियों ने सरेंडर के लिए समय बढ़ाने के जो कारण बताए, उनमें दम नहीं है। दोषियों में से किसी ने अपने बेटे की शादी, किसी ने पैर की सर्जरी, किसी ने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल करने, किसी ने फसलों की कटाई का कारण बताकर सरेंडर की तारीख बढ़ाने की मांग की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस से गैंगरेप के दोषियों को समय से पहले रिहा करने के राज्य सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने सभी दोषियों को दो हफ्ते के भीतर यानी 21 जनवरी तक सरेंडर करने के लिए कहा था। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा था कि गुजरात सरकार दोषियों को कैसे माफ कर सकती है। सुनवाई महाराष्ट्र में हुई है तो रिहाई पर फैसला भी वहीं की सरकार करेगी।