बिहार कांग्रेस में टूट का दावा, 11 विधायक एक साथ छोड़ सकते हैं पार्टी का साथ

कांग्रेस में टूट का दावा कांग्रेस नेता भरत सिंह ने किया है, उनका कहना है कि जल्द ही पार्टी के विधायक दल के नेता के साथ कुल 11 विधायक पार्टी छोड़कर चले जाएंगे

Updated: Jan 06, 2021, 09:21 PM IST

Photo Courtesy: DNA India
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पटना। जेडीयू और आरजेडी में विधायकों की कथित टूटफूट की सूचनाओं के बीच कांग्रेस नेता भरत सिंह के दावे ने सनसनी पैदा कर दी है। भरत सिंह ने दावा किया है कि अब कांग्रेस विधायकों को भी तोड़ने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस नेता भरत सिंह के मुताबिक जल्द ही कांग्रेस के 11 विधायक पार्टी छोड़कर चले जाएंगे और यह कोई और नहीं बल्कि खुद पार्टी विधायक दल के नेता अजीत शर्मा के नेतृत्व में होगा। भरत सिंह का दावा है कि अजीत शर्मा के नेतृत्व में पार्टी के कुल 11 विधायक एनडीए में शामिल हो जाएंगे। 

कांग्रेस नेता भरत सिंह कहते हैं कि जो नेता कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर आए हैं, वे असल में कांग्रेसी हैं है नहीं। सभी नेता गैर कांग्रेसी हैं, लिहाज़ा उनका किसी और पार्टी में चले जाना अचरज भरा नहीं होगा। हालांकि इस पूरे घटनाक्रम पर भरत सिंह ने सारा आरोप बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा पर मढ़ा है। मदन मोहन झा पर आरोप मढ़ते हुए भरत सिंह ने कहा है कि वो खुद एमएलसी बनना चाहते हैं, यह टूट उन्हीं की शह पर हो रही है। इसकी कहानी भी खुद मदन मोहन झा के इर्द गिर्द ही बुनी जाएगी। 

भरत सिंह का कहना है कि पार्टी को तोड़ने की गतिविधि में मदन मोहन झा के अलावा राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह और सदानंद सिंह शामिल हैं। भरत सिंह का आरोप है कि मदन मोहन झा और सदानंद सिंह एमएलसी बनने के चक्कर में हैं। लिहाज़ा पार्टी को तोड़ने की कवायद जारी है। हालांकि कांग्रेस आलाकमान ने भरत सिंह के आरोपों और दावों को खारिज किया है। 

दिलचस्प बात यह है कि पिछले दस दिनों में बिहार की राजनीति में पार्टियों के टूटने और बिखरने के अनेक दावे सामने आए हैं। जेडीयू के नेता आरजेडी के विधायकों को तोड़ने की बात करते हैं, तो आरजेडी जेडीयू के आधे से ज़्यादा विधायकों को अपने पाले में शामिल करने के दावे कर रही है। लेकिन कांग्रेस पार्टी के नेता तो अपनी ही पार्टी में टूट के दावे करने लगे हैं। टूट के इन दावों ने बिहार की राजनीति में अल्पकालिक हलचल ज़रूर पैदा कर दी है।

उधर बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल को उनकी गुज़ारिश के बाद पार्टी ने पदमुक्त कर दिया है। उन्होंने पार्टी आलाकमान से बात की थी कि उन्हें बिहार के प्रभार से मुक्त किया जाए। पार्टी ने गोहिल की जगह भक्त चरण दास को बिहार का प्रभारी बनाया है।

बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से 125 सीटें एनडीए गठबंधन को मिली थी।  जबकि महागठबंधन में आरजेडी को 75, CPI (ML) को 12, और कांग्रेस को 19 सीटें हाथ लगी हैं। जेडीयू और बीजेपी ने मिलकर सरकार बनाई और महागठबंधन तमाम जतन के बावजूद पीछे रह गया। इस बीच जेडीयू और बीजेपी में अनबन की भी खबरें सामने आयीं हैं। कांग्रेस विधायकों का पार्टी छोड़कर एनडीए का हिस्सा होना इसी कड़ी में बीजेपी की तरफ से नयी चाल के रूप में देखा जा रहा है।