भारत में बनी कफ सिरप से 18 बच्चों की हुई मौत, गांबिया के बाद अब उज़्बेकिस्तान का बड़ा आरोप

उज्बेकिस्तान में बच्‍चों की मौत से पहले अफ्रीकी देश गांबिया में भी ऐसी ही दवा पीने से 70 बच्चों की मौत हो गई थी।

Updated: Dec 29, 2022, 04:44 AM IST

नई दिल्ली। उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरोप लगाया कि भारत में बने कफ सिरप पीने से उसके यहां 18 बच्चों की मौत हो गई। मंत्रालय का दावा है कि बच्चों ने भारत की कंपनी मैरियन बायोटेक के डॉक 1 मैक्स सिरप का इस्तेमाल किया था। ये मौतें समरकंद शहर में हुईं। इससे पहले गांबिया में कथित तौर पर भारत निर्मित कफ सिरप पीने से 70 बच्चों की मौत हो चुकी है।

उज़्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड को साल 2012 में उज्बेकिस्तान में रजिस्टर्ड किया गया था और उसी साल से उसकी दवाओं की बिक्री शुरू हो गई। मंत्रालय का दावा है कि लैब में किए गए एक टेस्‍ट में भारतीय कफ सिरप में दूषित एथिलीन ग्लाइकोल पाया गया है। यह सिरप नोएडा की मैरियन बायोटेक में बनाया जाता है।

बयान में यह भी कहा गया है कि बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के घर पर ही यह सिरप दी गई थी. यह सिरप बच्चों के माता-पिता ने या फार्मासिस्ट की सलाह पर दी गई। इसके साथ ही बच्चों के लिए इसकी मानक खुराक से ज्यादा खुराक दी गई है। कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक यह सिरप सर्दी और फ्लू के लक्षणों के इलाज के लिए दी जाती है।

बयान में कहा गया है कि 18 बच्चों की मौत के बाद देश की सभी फार्मेसियों से Doc-1 Max टैबलेट और सिरप हटा लिए गए हैं। इसके साथ ही सात कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है क्योंकि वे समय पर स्थिति को नहीं संभाल पाए और जरूरी कदम उठाने में नाकाम रहे। भारत ने उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत को नोएडा स्थित दवा निर्माता की सिरप से जोड़ने के दावे के बाद जांच शुरू कर दी है।

अधिकारियों ने बताया कि सेंट्रल ड्रग्स रेगुलेटरी टीम ने उत्तर प्रदेश ड्रग्स लाइसेंसिंग अथॉरिटी से संपर्क किया है, ताकि दवा कंपनी के खिलाफ जांच शुरू की जा सके। मामले पर जमराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि मेड इन इंडिया कफ सिरप जानलेवा लगता है। पहले गांबिया में 70 बच्चों की मौत हुई थी और अब उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत हुई है। उन्होंने केंद्र पर तंज कसते हुए कहा कि मोदी सरकार को भारत के बारे में शेखी मारना बंद करना चाहिए और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।