आंध्र प्रदेश में 9 छात्रों ने की आत्महत्या, इंटरमीडिएट परीक्षा के परिणाम जारी होने के बाद उठाया आत्मघाती कदम

आंध्र प्रदेश में नौ छात्रों ने इंटरमीडिएट की परीक्षा में असफल होने के बाद अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। वहीं, दो छात्र अस्पताल में भर्ती हैं।

Updated: Apr 29, 2023, 11:45 AM IST

आंध्र प्रदेश में 9 छात्रों ने की आत्महत्या, इंटरमीडिएट परीक्षा के परिणाम जारी होने के बाद उठाया आत्मघाती कदम

अमरावती। आंध्र प्रदेश में हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहां नौ छात्रों ने इंटरमीडिएट की परीक्षा में फेल होने के बाद आत्‍महत्‍या कर ली। इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष और द्वितीय वर्ष परिणाम बुधवार को घोषित किए गए थे। गुरुवार से अब तक नौ छात्रों की आत्महत्या से मौत हो चुकी है। दो अन्य छात्रों ने भी आत्महत्या का प्रयास किया। दोनों अस्पताल में भर्ती हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रीकाकुलम जिले के टेककली के पास 17 वर्षीय बी. तरुण ने चलती ट्रेन के सामने कूदकर जान दे दी। जिले के दांदू गोपालपुरम गांव की रहने वाली इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष की छात्रा फेल होने से मायूस थी। विशाखापत्तनम जिले के मल्कापुरम पुलिस थाना क्षेत्र के तहत त्रिनादपुरम में 16 साल की लड़की ने अपने घर में फांसी लगा ली। ए. अखिलश्री इंटरमीडिएट फर्स्‍ट ईयर के कुछ विषयों में फेल होने के बाद परेशान थी।

यह भी पढ़ें: जंतर मंतर पहुंचीं प्रियंका गांधी, धरने पर बैठे पहलवानों से की मुलाकात

18 वर्षीय बी. जगदीश ने विशाखापत्तनम के कंचारपालेम इलाके में अपने आवास पर फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। वो इंटरमीडिएट के दूसरे वर्ष में एक विषय में फेल हो गया था। इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष की परीक्षा में एक विषय में फेल होने से निराश 17 वर्षीय अनुषा ने चित्तूर जिले में एक झील में कूदकर आत्महत्या कर ली। इसी जिले में एक लड़के ने कीटनाशक खाकर जान दे दी। एक अन्य 17 वर्षीय छात्र ने अनाकापल्ली में अपने आवास पर फांसी लगाकर जान दे दी। बताया जा रहा है कि इंटरमीडिएट में पहले साल में कम अंक आने से वह तनाव में था।

बताया जा रहा है कि बोर्ड परीक्षा में करीब 10 लाख छात्र शामिल हुए थे। 11वीं का पासिंग प्रतिशत 61 और 12वीं का 72 फीसदी रहा। खबरों के मुताबिक बी तरुण (17) ने श्रीकाकुलम जिले में एक ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। जिले के दांदू गोपालपुरम गांव का रहने वाला इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष का छात्र ज्यादातर पेपर में फेल होने के बाद मायूस बताया जा रहा था। पुलिस और मनोवैज्ञानिकों ने छात्रों से अपील की है कि वे चरम कदम उठाने से बचें क्योंकि उनके आगे पूरा जीवन है और वे असफलता को सफलता में बदल सकते हैं।