मैनपुरी से अखिलेश यादव लड़ेंगे चुनाव, इस सीट पर भरेंगे पर्चा

अखिलेश यादव मैनपुरी के करहल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे, मैनपुरी समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है

Updated: Jan 20, 2022, 12:12 PM IST

लखनऊ। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव भी उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव लडेंगे। अखिलेश यादव मैनपुरी से चुनावी मैदान में कूदेंगे। खबरों के मुताबिक अखिलेश यादव मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से चुनावी पर्चा भरेंगे। मैनपुरी राजनीतिक तौर पर भी मुलायम परिवार का गढ़ माना जाता है।

अखिलेश यादव का विधानसभा चुनाव लड़ना पहले से ही तय माना जा रहा था। हालांकि अखिलेश यादव कौन सी सीट पर चुनाव लड़ेंगे, इसको लेकर असमंजस की स्थिति थी। कुल तीन जगहों को लेकर पार्टी के भीतर मंथन चलने की खबर आयी थी। समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव के लिये आज़मगढ़, कन्नौज या पूर्वांचल की किसी एक सीट पर राय शुमारी कर रही थी। लेकिन अब अखिलेश यादव का मैनपुरी से चुनाव लड़ना तय हो गया है।

करहल से खुद अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव का गहरा नाता रहा है। पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव ने करहल इंटर कॉलेज से ही शिक्षा ग्रहण की थी। वे करहल में शिक्षक भी रहे। करहल सीट मुलायम सिंह यादव के गाँव सैफई से महज़ चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

अखिलेश यादव के अलावा उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी चुनावी मैदान में उतरे हैं। योगी आदित्यनाथ को बीजेपी ने गोरखपुर से चुनाव लड़ाने का इरादा किया है। पूर्व सीएम अखिलेश यादव और सीएम योगी आदित्यनाथ अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार विधायक का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। इससे पहले दोनों ही नेताओं ने अब तक विधायक का चुनाव नहीं लड़ा है। 

अखिलेश यादव 2012 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। तब वे उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य थे। अखिलेश यादव ने 2000 में कन्नौज लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। उपचुनाव में जीत हासिल करने के बाद अखिलेश यादव 2012 तक इस सीट से सांसद रहे। 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार आने के बाद वे मुख्यमंत्री बन गये। अखिलेश यादव 2012 से लेकर 2018 तक उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे। इसके बाद पिछले लोकसभा चुनावों में वे आज़मगढ़ सीट से चुनाव लड़े और उन्होंने जीत हासिल की।

वहीं राज्य के मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ भी अपने राजनीतिक जीवन का पहला विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। योगी आदित्यनाथ सीएम बनने से पहले तक गोरखपुर से सांसद रहे थे। लेकिन 2017 में अचानक मुख्यमंत्री बनाये जाने के बाद उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने के बजाय विधान परिषद का सदस्य बनना ज़्यादा मुनासिब समझा। लेकिन इस बार बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने सीएम योगी को चुनावी मैदान में उतार दिया।