पैंगोंग झील पर जारी गतिरोध के बीच रेलवे ने चीनी कंपनी को दिया 39000 ट्रेन पहियों का ठेका!
चीन अपने बुनियादी सैन्य ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान दे रहा है, भारतीय और चीनी सेना के बीच पूर्वी लद्दाख के कई स्थानों को लेकर पिछले दो साल से सैन्य गतिरोध जारी है और अब तक 15 दौर की सैन्य बातचीत हो चुकी है
भोपाल: भारतीय रेलवे ने एक चीनी कंपनी को 39,000 ट्रेन पहियों की आपूर्ति का ठेका दिया है। ये ठेका ऐसे समय में दिया गया है जबकि चीन द्वारा पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में पैंगोंग झील के दोनों छोर से दूसरे बड़े पुल का निर्माण कार्य जारी है। रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन पहियों को वंदे भारत ट्रेन के लिए आयात किया जा रहा हैं, भारत में रेल पहिया आपूर्तिकर्ताओं की कमी है और यूक्रेन रूस युद्ध से आयत में देरी के कारण ये निर्णय लेना पड़ा। ये ठेका "टीजेड हांगकांग इंटरनेशनल लिमिटेड" को दिया गया है और इन पहियों का निर्माण चीन में होगा।
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया:चीन ने पैंगोंग पर पहला पुल बनाया। भारत सरकार: हम स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
चीन ने पैंगोंग पर दूसरा पुल बनाया। भारत सरकार: हम स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता गैर-परक्राम्य है। एक डरपोक और विनम्र प्रतिक्रिया से काम नहीं चलेगा। पीएम को देश की रक्षा करनी चाहिए।
China builds 1st bridge on Pangong
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 20, 2022
GOI: We are monitoring the situation.
China builds 2nd bridge on Pangong
GOI: We are monitoring the situation.
India’s National security & territorial integrity is non-negotiable. A timid & docile response won’t do. PM must defend the Nation.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पैंगोंग त्सो झील के पास चीन द्वारा ब्रिज(पुल) तैयार करने की ख़बरों पर कहा कि ब्रिज के बारे में रिपोर्ट देखी हैं, ये सैन्य मुद्दा है, इसपर मैं कुछ कह नहीं पाऊंगा, इसे हम अधिकृत क्षेत्र मानते हैं, बातचीत चल रही है। LAC के बारे में हमारी लगातार वार्ता होती रहती है। चीन के विदेश मंत्री भी आए थे, हमारी अपेक्षाएं भी उनके आगे रखी गई। कोशिश रहेगी कि इसे आगे बढ़ाते रहें, बातचीत से समाधान निकालना पड़ेगा।
ब्रिज के बारे में रिपोर्ट देखी हैं, ये सैन्य मुद्दा है, इसपर मैं कुछ कह नहीं पाऊंगा, इसे हम अधिकृत क्षेत्र मानते हैं: पैंगोंग त्सो झील के पास चीन द्वारा ब्रिज(पुल) तैयार करने की ख़बरों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची pic.twitter.com/CFscWs2iJQ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 19, 2022
एलएसी के साथ चीनी गतिविधियों पर नजर रखने वाले शोधकर्ता डेमियन साइमन ने सैटेलाइट इमेज को पोस्ट किया जिसमें दर्शाया गया है कि पुल को झील के दोनों छोर से बनाया जा रहा है ताकि झील के दोनों ओर बड़ी और भारी गतिविधियां आसानी से की जा सके। चीन अपने बुनियादी सैन्य ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान दे रहा है। भारतीय और चीनी सेना के बीच पूर्वी लद्दाख के कई स्थानों को लेकर पिछले दो साल से सैन्य गतिरोध जारी है और अब तक 15 दौर की सैन्य बातचीत हो चुकी है। जून 2020 में लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे और 37 चीनी जवानों की मृत्यु की सूचना चीनी मीडिया द्वारा दी गई थी
गौरतलब है कि भारत का चीन के साथ वर्ष 2022 में व्यापार घाटा 77 बिलियन डॉलर है जिसमें भारत 26.46 बिलियन डॉलर का निर्यात करता हैं और 103.47 बिलियन डॉलर का आयात करता है जबकि वर्ष 2021 में 44.02 बिलियन डॉलर था।