छात्रों को धमकी देने के बाद खुद बैकफुट पर आए रेल मंत्री, शांति बनाए रखने की अपील

रेल मंत्रालय ने कथित तौर पर उग्र प्रदर्शन कर रहे छात्रों को रेलवे की नौकरी नहीं देने की सार्वजनिक धमकी दी, लेकिन इसके बावजूद छात्रों के इरादे डगमगाता न देख रेल मंत्री को बैकफुट पर आना पड़ गया, अब परीक्षा धांधली में एक उच्च स्तरीय कमेटी गठन करने के साथ साथ रेल मंत्री ने छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की है

Updated: Jan 26, 2022, 12:08 PM IST

नई दिल्ली। रेलवे एनटीपीसी परीक्षा नतीजों में गड़बड़ी के चलते जारी छात्रों का विरोध रेल मंत्रालय की धमकी और रेल मंत्री की अपील के बीच भी जारी है। रेल मंत्रलाय द्वारा धमकी दिए जाने के बावजूद छात्रों के इरादे न डगमगाता देख अब खुद रेल मंत्री को बैकफुट पर आना पड़ गया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अब छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर छात्रों से कानून को अपने हाथ में न लेने का निवेदन किया। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेल आपकी ही संपत्ति ही है। आप अपनी संपत्ति को संभाल कर रखें। रेल मंत्री ने मामले में घटित उच्च स्तरीय कमेटी का हवाला देते हुए कहा कि छात्रों के तरफ से उठाए गए हर बिंदु को रेल मंत्रालय और गठित कमेटी गंभीरता से लेगी।

रेल मंत्री ने कहा कि छात्र 16 फरवरी तक अपनी समस्याओं को कमेटी के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं। कमेटी छात्रों की शिकायतों पर जांच करेगी। और 4 मार्च से पहले अपनी शिकायतें प्रस्तुत करेगी। 

रेल मंत्री का यह बयान ऐसे वक्त में जब खुद रेल मंत्रालय ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों के नाम धमकी भरी सूचना जारी की है। रेल मंत्रलाय ने कथित तौर पर उग्र प्रदर्शन कर रहे छात्रों को भविष्य में रेलवे की नौकरी से वंचित रखने का एलान किया है। मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना अनुशासनहीनता का उच्चतम स्तर है। और यह अनुशासनहीनता उन्हें रेलवे की नौकरी के लिए अनुपयुक्त बनाती है।

मंत्रालय ने कहा है कि इसलिए वायरल हो रहे वीडियो की जांच की जाएगी। और जांच के आधार पर उग्र प्रदर्शन करने वाले छात्रों की शिनाख्त कर उन्हें रेलवे की नौकरी से वंचित कर दिया जाएगा। 

मंत्रालय की धमकी और रेल मंत्री के आश्वासन के विरोधाभास ने छात्रों के भीतर अविश्वास पनपा दिया है। लेकिन इसके बावजूद छात्र अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। वे प्रशासन की बर्बरता के खिलाफ मुखरता से आवाज़ उठा रहे हैं, इसके साथ ही वे गिरफ्तार किए गए छात्रों की रिहाई की मांग कर रहे हैं। 

दरअसल रेलवे एनटीपीसी परीक्षा परिणामों में हुई धांधली की जांच करने की लगातार मांग करने के बाद सोमवार को बिहार और उत्तर प्रदेश के छात्र सड़कों पर उतर आए। विशेषकर बिहार के अधिकतर हिस्सों में प्रदर्शनकारी छात्रों ने चक्काजाम कर दिया। कई जगहों पर पुलिस द्वारा छात्रों पर बर्बरता भी की गई। प्रयागराज में हुई पुलिसिया बर्बरता का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। 

इस मामले में विपक्षी दलों के राजनेताओं ने भी छात्रों की आवाज़ को बुलंद करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने खुले तौर पर आंदोलनकारी छात्रों का समर्थन किया है। प्रियंका गांधी ने गिरफ्तार किए गए छात्रों को रिहा करने और मंत्रालय को अपने धमकी भरे आदेश को वापस लेने की मांग की है।