भारत में हर दिन औसतन 77 महिलाओं के साथ हुआ बलात्कार: NCRB रिपोर्ट

साल 2019 के मुकाबले 2020 चोरी, लूट और महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में आई गिरावट, 28 हजार से महिलाओं की लूटी गई इज्जत

Updated: Sep 15, 2021, 12:34 PM IST

Photo Courtesy : LiveLaw
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नई दिल्ली। साल 2020 में भारत में प्रतिदिन औसतन 77 महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाओं को अंजाम दिया गया। गृह मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाली संस्था नेशनल क्राइम रिकॉर्ड (NCRB) की ओर से जारी आंकड़ों से पता चला है कि इस दौरान 28 हजार से अधिक महिलाओं की इज्जत लूटी गई।हालांकि, साल 2019 के मुकाबले महिलाओं के खिलाफ हिंसा में मामूली गिरावट दर्ज की गई है।

NCRB की ओर से 'क्राइम इन इंडिया 2020' नाम से जारी रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल भारत मे महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 3 लाख 71 हजार 503 मामले दर्ज किए गए। साल 2019 में यह आंकड़ा 4 लाख 5 हजार 326 था, वहीं साल 2018 में 3 लाख 78 हजार 236 मामले दर्ज हुए थे। पिछले साल महिला अपराध के कुल मामलों में से 28 हजार 46 घटनाएं दुष्कर्म की हैं।

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दुष्कर्म पीड़ित महिलाओं में 2 हजार 655 की उम्र 18 वर्ष से कम थी, वहीं 25 हजार 498 वयस्क महिलाओं के साथ इस तरह की जघन्य कृत्य को अंजाम दिया गया। साल 2019 में बलात्कार के कुल मामले 32 हजार 33 वहीं 2018 में 33 हजार 356 दर्ज किए गए थे। 

देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की बात करें तो बलात्कार के सबसे ज्यादा 5,310 मामले राजस्थान में दर्ज किए गए हैं। दूसरे नंबर पर 2,769 मामलों के साथ उत्तर प्रदेश दूसरे वहीं 2,339 मामलों के साथ मध्य प्रदेश तीसरे नंबर पर है। 

एनसीआरबी के मुताबिक इस दौरान देशभर में दहेज उत्पीड़न के कारण कुल 6 हजार 966 महिलाओं की मौत हुई। वहीं देशभर में एसिड अटैक के कुल 105 मामले दर्ज किए गए। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध, चोरी, सेंधमारी, डकैती के तहत दर्ज मामलों में गिरावट आई है।

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माना जा रहा है कि चोरी, लूट व अन्य अपराधों में पहले के मुकाबले मामूली कमी इसलिए दर्ज की गई है क्योंकि साल 2020 में देश कोविड-19 के पहली लहर से जूझ रहा था। ऐसे में लॉकडाउन की वजह से आवाजाही से लेकर तमाम गतिविधियां बंद थी। हालांकि, हैरानी की बात यह है कि इस दौरान आदिवासियों के खिलाफ अपराध में 9.4 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। एनसीआरबी के मुताबिक साल 2019 में जहां एससी के खिलाफ अपराधों के 45,961 केस दर्ज किए गए थे, जबकि 2020 में इसकी संख्या बढ़कर 50 हजार 291 तक पहुंच गई।