Babri Case Verdict: आडवाणी ने कहा सीबीआई कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक, कांग्रेस ने संविधान के खिलाफ बताया

आडवाणी बोले, फैसला राम मंदिर आंदोलन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। राजनाथ सिंह ने कहा कि देर से ही सही न्याय की जीत हुई

Updated: Sep 30, 2020, 10:18 PM IST

Photo Courtesy: OneIndia
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नई दिल्ली। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सभी आरोपियों को बरी करने और पूरी घटना को पूर्व नियोजित नहीं मानने के सीबीआई कोर्ट के फैसले पर हर तरफ से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। मुस्लिम पक्ष की तरफ से जफरयाब जिलानी ने फैसले से असहमति जताते हुए कहा कि वे इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगे। उन्होंने कहा कि यह फैसला कानून और हाई कोर्ट दोनों के खिलाफ है। जबकि बीजेपी के कई नेताओं ने इस फैसले का ना केवल स्वागत किया है बल्कि कई नेताओं के घरों पर खुशी जताते हुए मिठाइयां भी बांटी गई हैं।  

केस में आरोपी रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताया और कहा कि यह हम सबके लिए खुशी लेकर आया है। आडवाणी ने यह भी कहा कि यह फैसला उनके और बीजेपी की राम मंदिर आंदोलन के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस मामले में एक और बड़े आरोपी रहे मुरली मनोहर जोशी ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह फैसला बताता है कि हमने कोई साजिश नहीं रची थी। उन्होंने कहा कि हम सब खुश हैं और सबके अंदर अब राम मंदिर निर्माण के लिए उत्साह होना चाहिए। रक्षा मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने कहा कि देर से ही सही न्याय की जीत हुई। उन्होंने कहा के वे इस निर्णय का स्वागत करते हैं।

इस फैसले पर कांग्रेस की ओर से देर से प्रतिक्रिया देते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि सभी दोषियों को बरी करने का यह विशेष सीबाआई अदालत का निर्णय सुप्रीम कोर्ट के फैसले और संविधान की परिपाटी से परे है। उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस ने देश के सांप्रदायिक सौहार्द को तोड़ने के लिए साजिश रची थी और उस समय की बीजेपी सरकार इसमें शामिल थी। इन सबको जांचते परखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद को तोड़ा जाना गैरकानूनी अपराध बताया था। उन्होंने कहा कि हर न्यायपसंद व्यक्ति यह आशा रखता है कि विशेष अदालत के इस तर्कविहीन फैसले के खिलाफ उच्च अदालत में अपील होगी।  

बीजेपी के वरिष्ठ नेता राम माधव ने इसे सच्चाई की जीत बताया है। उन्होंने कहा कि आखिरकार तीन दशक के बाद हमारे देश के सबसे सम्मानित नेताओं के खिलाफ एक दुर्भावना भरा मामला खत्म हो गया। सभी को इस फैसले का स्वागत करना चाहिए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस फैसले को सच की जीत बताया है। महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चला रही शिव सेना भी इस फैसले का स्वागत किया है। 

दूसरी तरफ सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने इस फैसले को शर्मनाक और न्याय का मजाक बताया है। उन्होंने कहा कि सीजेआई ने बाबरी मस्जिद विध्वंस को कानून का एक बड़ा उल्लंघन बताया था। अगर सभी आरोपी बरी हो गए तो मस्जिद कैसे टूटी? क्या मस्जिद अपने आप टूट गई? यह शर्मनाक है। 

शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि वे और उनकी पार्टी इस फैसले का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि अब हमें उस पूरे घटनाक्रम को भूल जाना चाहिए। अगर बाबरी मस्जिद ना टूटती तो आज हम भूमि पूजन भी नहीं देख पाते। 

सांसद असुदुद्दीन ओवैसी ने इस फैसले को भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में काला दिन बताया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के विरोध में है। ओवैसी ने कहा कि अदालत को बाबरी मस्जिद के विध्वंस के अपराधियों को सजा देनी थी। लेकिन उन लोगों को तो फायदा हुआ। कोई गृह मंत्री बना तो कोई शिक्षा मंत्री। बीजेपी ने इसका राजनीतिक फायदा उठाया। 

ओवैशी ने पूछा कि कोई उन्हें बताए कि आखिर एक साजिश को स्वत: स्फूर्त घटनाक्रम घोषित करने के लिए कितने दिन की तैयारी की जरूरत होती है।