Babri Case Verdict: बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में सभी आरोपी बरी, जज ने कहा, घटना पूर्व नियोजित नहीं थी

मुस्लिम पक्ष की तरफ से जफरयाब जिलानी ने कहा, ये फैसला कानून और हाईकोर्ट दोनों के खिलाफ, हाईकोर्ट में देंगे फैसले को चुनौती

Updated: Sep 30, 2020, 10:19 PM IST

File Photo Courtesy: The Quint
File Photo Courtesy: The Quint

लखनऊ। अयोध्या के बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में लखनऊ की सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और कल्याण सिंह समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है। लखनऊ की स्पेशल सीबीआई कोर्ट के रूम नंबर 18 में फैसला सुनाते हुए जज एस के यादव ने कहा कि बाबरी मस्जिद गिराए जाने की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी। ये घटना अचानक हुई थी। जज ने यह भी कहा कि इस मामले में वीएचपी नेता अशोक सिंघल के खिलाफ कोई साक्ष्य मौजूद नहीं हैं। 

मुस्लिम पक्ष की तरफ से जफरयाब जिलानी ने सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के फैसले से असहमति जताई है। उन्होंने कहा है कि ये फैसला कानून और हाईकोर्ट दोनों के खिलाफ है। लिहाजा, मुस्लिम पक्ष की तरफ से इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जाएगी।

6 दिसंबर 1992 को मस्जिद को गिराए जाने के मामले में कुल 49 आरोपी थे, जिनमें 17 आरोपियों की मौत हो चुकी है। बाकी बचे सभी 32 मुख्य आरोपियों पर फ़ैसला आया, जिसमें सभी आरोपी बरी कर दिए गए। फैसला सुनाए जाते समय लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, सतीश प्रधान और महंत नृत्य गोपाल दास वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट की कार्यवाही से जुड़े रहे। इनके अलावा बाकी सभी आरोपी कोर्ट में मौजूद रहे। 

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके यादव ने फैसले के वक़्त न्यायालय में सभी 32 मुख्य आरोपियों को उपस्थित रहने का आदेश दिया था। 92 साल के लालकृष्ण आडवाणी और 86 वर्षीय मुरली मनोहर जोशी ने स्वास्थ्य कारणों से पेशी से छूट ली थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती कोरोना पॉजिटिव हैं, लिहाजा वे भी कोर्ट में मौजूद नहीं रहीं। एक अन्य आरोपी और श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के प्रमुख महंत नृत्य गोपाल दास भी अस्वस्थ होने की वजह से फैसले के वक़्त निजी तौर पर मौजूद नहीं थे। ये सभी आरोपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यवाही से जुड़े।

बाबरी विध्वंस के हाई प्रोफाइल केस में फैसले को लेकर केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया हुआ है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में धारा 144 लगाने के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है। लखनऊ में चप्पे-चप्पे पर अतिरिक्त पुलिसबल की तैनाती के साथ ही सीआईडी और एलआईयू की टीमों को सादी वर्दी में चौकस रहने को कहा गया है ताकि कोई बाहरी व्यक्ति शहर का माहौल खराब न कर पाए। 

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को गिराए जाने की घटना 6 दिसंबर 1992 को हुई थी। इससे पहले लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में देश भर में रथ यात्रा निकाली गई थी। आरोप लगता रहा है कि इस रथयात्रा से बने माहौल की वजह से ही कारसेवकों में इतना जुनून भर गया कि उन्होंने बाबरी मस्जिद के ढांचे को ढहा दिया। कई आरोपियों पर घटना से पहले उग्र और भड़काऊ भाषण देने के आरोप भी लग चुके हैं।