यूपी पुलिस ने देर रात खाली कराया बागपत बॉर्डर, कांग्रेस ने कहा, ज़ुल्म की टहनी कभी फलती नहीं
यूपी पुलिस पर कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के धरने को हटाने के लिए लाठीचार्ज करने का आरोप, वीडियो भी हुआ वायरल, लेकिन पुलिस ने कहा, कोई बल-प्रयोग नहीं किया गया

बागपत। उत्तर प्रदेश के बागपत में चल रहे किसान आंदोलन को पुलिस ने आधी रात को खत्म करा दिया है।दिल्ली-सहारनपुर हाइवे पर बैठे इन किसानों को प्रशासन ने वहां से बलपूर्वक खदेड़ दिया है। मामले में पुलिसिया कार्रवाई का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिस किसानों पर लाठीचार्ज कर उन्हें भगाती नजर आ रही है।
विपक्ष ने उत्तर प्रदेश पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर राज्य की योगी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा है कि जुल्म की टहनी कभी नहीं फलती है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष ललितेश पति त्रिपाठी ने ट्वीट किया, 'बागपत में अपने हक की फ़रियाद कर रहे निर्दोष किसानों पर क्रूरता से आधी रात में लाठीचार्ज करवाने वाली योगी सरकार को मैं चेता दूं कि ज़ुल्म की टहनी कभी फलती नहीं।'
बागपत में अपने हक की फ़रियाद कर रहे निर्दोष किसानों पर क्रूरता से आधी रात में लाठीचार्ज करवाने वाली @myogiadityanath सरकार को मैं चेता दूं कि "ज़ुल्म की टहनी कभी फलती नहीं।"
— Lalitesh Pati Tripathi (@LaliteshPati) January 27, 2021
pic.twitter.com/6AiGmkfnbs
राष्ट्रीय युवक कांग्रेस ने भी इस घटना को शर्मनाक बताया है। राष्ट्रीय यूथ कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया, 'बल प्रयोग द्वारा सरकार किसानों के आंदोलन को कुचलना चाहती है। आधी रात को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा बागपत में धरनास्थल पर सो रहे किसानों पर लाठीचार्ज कर जबरन उन्हें धरने से उठाया जाना शर्मनाक व घोर निंदनीय है।'
बल प्रयोग द्वारा सरकार किसानों के आंदोलन को कुचलना चाहती है। आधी रात को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा बागपत में धरनास्थल पर सो रहे किसानों पर लाठीचार्ज कर जबरन उन्हें धरने से उठाया जाना शर्मनाक व घोर निंदनीय है। pic.twitter.com/1kszrm0acq
— Youth Congress (@IYC) January 28, 2021
घटना बड़ौत कोतवाली थाना क्षेत्र के दिल्ली-सहारनपुर हाइवे 709 की है, जहां सैकड़ों किसान पिछले 40 दिनों से कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे थे। घटनास्थल पर कल सुबह से ही आला अधिकारी और किसानों के बीच वार्ता चल रही थी और किसानों ने न उठने का फैसला किया था। इसी बीच आधी रात को धरना स्थल पर अचानक भारी पुलिस फोर्स पहुंच गई और अंधाधुंध लाठीचार्ज करके आंदोलनकारियों को वहां से भगा दिया। इतना ही नहीं पुलिस ने किसानों के टेंट भी उखाड़ फेंके।
यह भी पढ़ें: दिल्ली पुलिस ने किसान नेताओं पर तो खुलकर लगाए आरोप, लेकिन दीप सिद्धू का नाम तक नहीं लिया
पुलिस के बलप्रयोग का वीडियो मौके पर मौजूद किसानों ने ही रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर वायरल किया है। इसमें देखा जा सकता है कि किस तरह पुलिस लाठी लेकर किसानों को दौड़ा रही है और वे भागने को मजबूर हैं। हालांकि, प्रशासन वीडियो सामने आने के बाद भी दावा कर रहा है कि उन्होंने कोई बलप्रयोग नहीं किया है। एडीएम अमित कुमार ने कहा कि आंदोलन के कारण एनएचएआई (NHAI) को काफी दिक्कत हो रही थी। उन्होंने चिट्ठी लिखी थी, जिसके आधार पर हमने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की थी। कई किसान चले भी गए थे। देर रात सिर्फ 4-5 बुजुर्ग बचे थे, उन्हें हटाकर घर भेज दिया गया, बल का प्रयोग नहीं किया गया है।