निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मचारी आज से 2 दिन की हड़ताल पर, दिग्विजय सिंह ने किया समर्थन
दो सरकारी बैंकों के निजीकरण की मोदी सरकार की योजना के खिलाफ 10 लाख बैंक कर्मियों की दो दिन की हड़ताल आज से शुरू, कैश के लिए अब ATM का ही सहारा

नई दिल्ली। पब्लिक सेक्टर के दो बैंकों के निजीकरण की मोदी सरकार की योजना के खिलाफ देशभर के करीब 10 लाख बैंक कर्मचारी आज से हड़ताल पर चले गए हैं। बैंक कर्मियों की इस दो दिन की हड़ताल के कारण लगभग सभी सरकारी बैंक 15 और 16 मार्च को बंद रहेंगे। इस दौरान बैंक शाखाओं में जमा, निकासी, चेक क्लियरेंस और लोन अप्रूवल जैसी तमाम सेवाएं ठप रहेंगी। कैश निकालने के लिए लोगों के पास एटीएम ही सहारा होगा। यह बैंक हड़ताल यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) द्वारा बुलाई गई है।
कांग्रेस नेता व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने बैंक कर्मचारियों के इस हड़ताल का समर्थन किया है। सिंह ने ट्वीट किया, 'मैं सार्वजनिक क्षेत्र के 2 बैंकों के निजीकरण के खिलाफ दो दिवसीय हड़ताल में बैंक कर्मचारियों का समर्थन करता हूं। मोदी-शाह और बीजेपी मूल रूप से और वैचारिक रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के विरोधी हैं और वे सभी सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं को बर्बाद करना चाहते हैं।'
I support Bank Employees in their 2 days strike against Privatisation of 2 Public Sector Banks. ModiShah and BJP are basically and ideologically opposed to Public Sector and they want to demolish all Public Sector Entities. #BankStrike
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 15, 2021
बैंक कर्मचारियों की इस दो दिन की हड़ताल को मिलाकर सरकारी बैंक लगातार चार दिनों तक बंद रहेंगे। रविवार और महीने का दूसरा शनिवार होने की वजह से बैंक बीते कल और परसों भी बंद थे। हालांकि इस दौरान प्राइवेट सेक्टर के बैंक खुले रहेंगे, जिनमें HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और इंडसइंड बैंक शामिल हैं। देश के कुल बैंक खातों में इनकी हिस्सेदारी करीब एक तिहाई है।
वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विनिवेश योजना के तहत देश के 2 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की घोषणा की है। केंद्र सरकार ने इसके जरिए 1.75 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। केंद्र सरकार के इसी फैसले के विरोध में बैंक कर्मचारियों ने 2 दिन की हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है।