बिहार में सियासी उथलपुथल के संकेत, JDU विधायकों को अगले 72 घंटे पटना में ही रहने का फरमान

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी पार्टी के विधायकों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं, उन्होंने अपने विधायकों से अगले 72 घंटे तक पटना से बाहर नहीं जाने के लिए कहा है, इससे बिहार की सियासत में हलचल बढ़ गई है, मंगलवार को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक स्थगित हो गई है

Updated: May 23, 2022, 09:50 AM IST

पटना। बिहार की राजधानी पटना से बड़े सियासी उठपपुथल के संकेत मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू विधायकों के लिए फरमान जारी किया है कि अगले 72 घंटे तक सारे विधायक पटना में ही रहेंगे। वे पटना से कहीं बाहर नहीं जाएंगे। सीएम नीतीश के इस फरमान के बाद तमाम तरह के कयासों का बाजार गर्म है। इसी बीच जानकारी मिली है कि मंगलवार को प्रतिशत कैबिनेट बैठक को भी रद्द कर दिया गया है।

सीएम नीतीश के इस फरमान को जातीय जनगणना को लेकर भी देखा जा रहा है। दरअसल, इस मुद्दे पर चर्चा के लिए उन्होंने 27 मई को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। सूबे में जातिगत जनगणना को लेकर सियासत गर्म है। एक तरफ जहां जनगणना को लेकर सत्ताधारी दल JDU और विपक्षी दल RJD के बोल मिल रहे हैं। तो वहीं नीतीश सरकार को समर्थन दे रही BJP इसके विरुद्ध है। जातीय जनगणना के मुद्दे पर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव बंद कमरे में बैठक भी कर चुके हैं।

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बिहार में पिछले एक महीने के घटनाक्रम देखें तो तीन ऐसे मौके आए, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक साथ नजर आए। खास बात ये है कि इससे पहले भी कई बार पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव की तरफ से नीतीश कुमार को इफ्तार पार्टी में शामिल होने का न्यौता मिलता रहा है लेकिन वे कभी इसमें शामिल होने नहीं जाते थे। लेकिन इस बार नीतीश कुमार पैदल चलकर अपने घर से राबड़ी देवी के आवास इफ्तार पार्टी में शामिल होने के लिए पहुंचे और इसके बाद उन्होंने अपने घर तेजस्वी यादव को भी इफ्तार में बुलाया।

सियासी गलियारों में चर्चा तो ये भी है कि नीतीश कुमार बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़कर आरजेडी के साथ सरकार बनाने का मन बना चुके थे लेकिन इसकी जानकारी बीजेपी को मिल गई। नीतीश की पार्टी और आरजेडी का गठबंधन रोकने के लिए ही ऐन मौके पर केंद्र ने लालू परिवार पर सीबीआई की छापेमारी करा दिया। छापेमारी को लेकर एक सवाल के जवाब में कहा कि जिसने रेड किया है, वही बता पाएगा। नीतीश के इस बयान को लालू परिवार पर छापेमारी के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराने के रूप में देखा गया।

लालू से कथित करीबी पर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि वो किसी भी कीमत पर नीतीश को लालू के साथ नहीं जाने देंगे। यही नहीं सुशील मोदी ने ये भी दावा किया है कि लालू, नीतीश, चिराग और मुकेश सहनी को बीजेपी एक नहीं होने देगी। सुशील मोदी ने कहा कि इस जन्म में वो कभी लालू के साथ नहीं जाएंगे।