किसानों के समर्थन में दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचे कार्यकर्ता, अकाली दल नेता विक्रम मजीठिया की अपील

शिरोमणि अकाली दल ने किसान नेताओं पर UAPA की धाराएँ लगाए जाने पर भी सवाल उठाए, कहा, देश की सुरक्षा को चुनौती देने वालों के खिलाफ उपयोग के लिए बने क़ानून का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए 

Updated: Jan 30, 2021, 03:08 AM IST

Photo Courtesy: Twitter
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नई दिल्ली/चंडीगढ़। दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन को समाप्त करने की सरकार की कोशिशों के बावजूद किसान डटे हुए हैं। इसी बीच बीजेपी की पूर्व सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया ने पार्टी कार्यकर्ताओं से दिल्ली पहुंच कर किसानों का समर्थन देने के लिए कहा है। बिक्रम मजीठिया ने पार्टी कैडर को किसान आंदोलन का साथ देने के लिए सिंघु, टिकरी और गाज़ीपुर बॉर्डर पर पहुंचने के लिए कहा है। मजीठिया ने यह भी कहा कि जब भी किसान नेता बुलाएंगे, अकाली दल की सीनियर लीडरशिप भी आंदोलन में हिस्सा लेने पहुंचेगी। 

हरियाणा सरकार के साथ मिलकर आंदोलन को दबाने का प्रयास कर रही है भाजपा: मजीठिया 

बिक्रम मजीठिया ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार हरियाणा सरकार के साथ मिलकर किसानों के आंदोलन को दबाना चाहती है। सरकार किसानों के आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रही है। मजीठिया ने कहा कि सरकार के नापाक मंसूबों को हर हाल में नाकाम करना होगा। मजीठिया ने कहा कि किसानों की जीत सुनिश्चित करने के लिए कोई भी बलिदान बड़ा नहीं है।

किसी को सताने के लिए न हो UAPA का इस्तेमाल: मजीठिया 

बिक्रम मजीठिया ने किसान नेताओं पर लगाए गए UAPA कानून पर भी सवाल खड़ा किए। मजीठिया ने कहा कि इस कानून को भारत की अखंडता और सुरक्षा को चुनौती देने वालों के खिलाफ उपयोग करने के लिए लाया गया था। लेकिन इसका दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए। 

शिरोमणि अकाली दल ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के किसानों में भारी आक्रोश को देखते हुए मोदी सरकार और बीजेपी की अगुवाई वाले गठबंधन एनडीए से अलग होने का फैसला किया था। बीजेपी के सबसे पुराने सहयोगी रहे शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ बढ़ते जनाक्रोश को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया था।