Farm Bill: कृषि विधेयकों पर राज्यसभा में फंसा पेंच, बीजेपी ने जारी किया व्हिप

Parliament Monsoon Session 2020: कृषि अध्यादेशों को राज्यसभा में पास कराना चुनौतीपूर्ण, विपक्षी दलों को साधने में जुटी बीजेपी

Updated: Sep 20, 2020, 07:22 AM IST

Photo Courtsey : The Indian Express
Photo Courtsey : The Indian Express

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा से पारित विवादास्पद कृषि विधेयकों को लेकर देशभर में बवाल बढ़ता ही जा रहा है। एनडीए के घटक दल और सबसे पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के विरोध के बाद केंद्र सरकार विपक्षी दलों के चौतरफा आलोचनाओं से घिर गई है। इसी बीच केंद्र सरकार कल यानी रविवार (20 सितंबर) को इन विवादास्पद विधेयकों को राज्यसभा में पेश करने की तैयारी में है। बीजेपी ने शनिवार को ही अपने सभी राज्यसभा सांसदों को व्हिप जारी कर कल सदन में रहने को कहा है।

केंद्र सरकार के लिए राज्यसभा में इन तीनों विधेयकों को पास कराना चुनौतीपूर्ण बन गया है। एसएडी जैसे सहयोगी दलों द्वारा विरोध करने के बाद केंद्र सरकार ने इस बिल को पास कराने को लेकर एक खास रणनीति बनाई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजेपी अन्य विपक्षी दलों को साधने में जुट गई है। बताया जा रहा है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शिवसेना व एनसीपी नेताओं से फोन पर बातचीत की है। इस दौरान सिंह ने उनसे इस बिल का सदन में समर्थन करने की अपील की है। वहीं बीजेपी नेता अन्य छोटे दलों को भी साधने के लिए मोर्चाबंदी शुरू कर दी है जिन्होंने इस विधेयक को लेकर अबतक अपना स्टैंड क्लियर नहीं किया है।

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क्या है पक्ष और विपक्ष का गणित ? 

राज्यसभा की मौजूदा सियासी गणित की बात करें तो राज्यसभा में बीजेपी 86 सदस्यों के साथ सदन में सबसे बड़ी पार्टी है। एनडीए के मौजूदा घटक दलों को मिलाकर कुल संख्या बल 105 तक पहुंचता है। वहीं बहुमत के लिए सरकार को 122 सदस्यों का समर्थन चाहिए। बहुमत के लिए कम पड़े 17 सांसदों के समर्थन के लिए सरकार की नजर बीजेडी, एआईएडीएमके, टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी पर भी है। 

इन पार्टियों का संख्या बल देखा जाए तो बीजू जनता दल के 9 सांसद, एआईएडीएमके के 9 सांसद, टीआरएस के 7, वाईएसआर कांग्रेस के 6 और टीडीपी के 1 सांसदों को मिलाकर 32 सांसद होते हैं। ये वो पार्टियां हैं जो न एनडीए के साथ हैं और न ही यूपीए के साथ। सरकार को उम्मीद है कि कुछ इंडिपेंडेंट सांसदों का भी समर्थन प्राप्त मिलेगा जिससे समर्थकों की संख्या कम से कम 130 रहेगी।

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विपक्षी दलों के अंकगणित की बात करें तो सदन की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के पास 40 सदस्य हैं। अगर यूपीए की बात करें तो टीएमसी, शिवसेना और एनसीपी को मिलाकर 85 सांसद होते हैं। इसके अलावा अकाली दल के तीन, आम आदमी पार्टी के तीन, समाजवादी पार्टी के आठ और बसपा के चार सांसद भी बिल के विरोध में वोट करेंगे। इन्हें मिलाकर बिल के विरोध में भी 103 सांसद सदस्य हैं।

इसके अलावा दिलचस्प बात यह है कि राज्यसभा के 10 सांसद कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं जिनमें बीजेपी, कांग्रेस और अन्य दलों के भी सांसद हैं। ऐसे में सरकार को भरोसा है कि वह किसी प्रकार रविवार को इस बिल को पास करवा लेगी। वहीं अगर सरकार संख्या बल जुटाने में नाकामयाब रही तो विपक्ष की मांगों को मानना पड़ेगा। विपक्षी दलों की मांग है कि इसे सेलेक्ट कमेटी में भेजा जाए।