मुस्लिम युवक के साथ होनी थी BJP नेता की बेटी की शादी, विरोध के बाद करना पड़ा कैंसिल

सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था शादी का कार्ड, कट्टरपंथियों के विरोध के बाद भाजपा नेता ने रोकी शादी, विश्व हिंदू परिषद ने शादी के विरोध में किया था प्रदर्शन।

Updated: May 21, 2023, 06:05 PM IST

पौड़ी। उत्तराखंड के एक भाजपा नेता ने हिंदूवादी संगठनों के विरोध के चलते मुस्लिम लड़के से अपनी बेटी की शादी को टाल दिया है। उनकी बेटी की शादी 28 मई को थी, लेकिन मुस्लिम समुदाय का लड़का होने के चलते कट्टरपंथी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन कर दिया था। भाजपा नेता और पौड़ी नगर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम ने कहा है कि अभी माहौल ठीक नहीं है, इसलिए शादी को टाल दिया है।

जानकारी के मुताबिक यशपाल बेनाम मुस्लिम लड़के से अपनी बेटी की शादी कराने के लिए राजी हो गए थे। दोनों परिवार की रजामंदी के बाद शादी की तैयारियां भी लगभग पूरी कर ली गई थीं। शादी का कार्ड भी छप गया था, लेकिन जब लोगों ने कार्ड पर लड़के का नाम देखा तो उसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया, जिसके बाद कई हिंदूवादी संगठन विरोध में उतर आए और आलोचना शुरू हो गई।

बीजेपी नेता यशपाल बेनाम की बेटी मोनिका की शादी उत्तर प्रदेश के अमेठी के रहने वाले मोहम्मद मोनिस के साथ होने वाली थी। शादी से पहले शादी का कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद हिंदूवादी संगठनों वीएचपी, बजरंग दल ने शुक्रवार को कोटद्वार, पौड़ी में शादी के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। यही नहीं इन संगठनों ने विरोध-प्रदर्शन के दौरान बीजेपी नेता बेनाम का पुतला भी फूंका। 

विश्व हिंदू परिषद के पौड़ी के कार्यकारी जिलाध्यक्ष दीपक गौड़ ने कहा कि बेनाम की बेटी को या तो इस्लाम धर्म कबूल कर लेना चाहिए या उनके होने वाले दामाद को हिंदू धर्म अपनाना चाहिए। पहले यशपाल विवाह कार्यक्रम को पौड़ी के कंडोलिया मैदान में आयोजित करना चाहते थे, लेकिन व्यापार मंडल के विरोध बाद शहर से करीब 6 किलोमीटर दूर घुड़दौड़ी इंजीनियरिंग कॉलेज के पास एक वेडिंग प्वाइंट में विवाह का आयोजन रखा गया था। लेकिन शादी कार्यक्रम में हमले की आशंका थी, इस वजह से टालनी पड़ी। आगे कब शादी होगी, इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है।

शादी कैंसिल करने के बाद बीजेपी नेता यशपाल बेनाम का बयान आया है। उन्होंने कहा कि जैसा माहौल बनाया गया है, उसे देखते हुए दोनों परिवारों ने यह फैसला लिया है कि जनप्रतिनिधि होने के नाते उन्हें पुलिस के साए में शादी करवाना शोभा नहीं देता। ऐसे में माहौल अनुकूल नहीं होने और जनता का ध्यान रखते हुए दोनों परिवारों ने तय किया है कि आगामी 26, 27 और 28 तारीख को होने वाले विवाह कार्यक्रम न किए जाएं।