भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) ने बदला आंदोलन छोड़ने का फ़ैसला, फिर से ग़ाज़ीपुर पहुँचने का एलान
बीकेयू (लोकशक्ति) के प्रमुख श्योराज सिंह भाटी ने आंदोलन से वापस आए सभी लोगों से दोबारा गाज़ीपुर पहुँचने की अपील की, संगठन के सैकड़ों किसान मुजफ्फरनगर की महापंचायत में भी हुए शामिल

नई दिल्ली। किसान आंदोलन को खत्म करने के केंद्र और बीजेपी शासित राज्यों के प्रयास एक बार फिर नाकाम होते नज़र आ रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) ने आंदोलन से अलग होने का अपना पिछला फैसला बदलते हुए एक बार फिर से मैदान में उतरने का एलान कर दिया है। संगठन के नेता श्योरज सिंह भाटी ने किसानों से अपील की है कि वे गाज़ीपुर बॉर्डर पहुंचकर पूरी ताकत से आंदोलन का समर्थन करें।
BKU (लोकशक्ति) के प्रमुख श्योराज सिंह भाटी ने नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर मौजूद किसानों से वापस गाज़ीपुर पहुंचने का आह्वान किया। श्योराज सिंह ने संगठन से जुड़े किसानों से आंदोलन को अपना समर्थन देने के लिए कहा। इससे पहले भाटी ने किसानों से मुजफ्फरनगर में आयोजित किसान महापंचायत में हिस्सा लेने की अपील भी की थी, जिसके बाद संगठन से किसान बड़ी तादाद में महापंचायत में शामिल हुए।
BKU ने दिल्ली हिंसा के बाद अपना आंदोलन वापस ले लिया था। लेकिन किसान नेताओं और आंदोलन के खिलाफ सरकार की दमनकारी नीतियों को देखते हुए संगठन ने फैसला बदलने की घोषणा कर दी है। BKU (लोकशक्ति) के प्रमुख ने कहा है कि केंद्र के कृषि कानूनों के विरुद्ध वे हर हाल में आंदोलन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे।
दरअसल दिल्ली में हुई हिंसा के बाद यह लगभग तय हो गया था कि किसान नेता अपनी गिरफ्तारी देते हुए आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा कर सकते हैं। लेकिन गुरुवार को गाज़ीपुर में जिस तरह पुलिस ने धरना जबरन खत्म कराने का माहौल बनाया और किसान नेताओं को डराने-धमकाने की कोशिशें हुईं, उससे माहौल बदलने लगा। उसके बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने जब आरोप लगाया कि बीजेपी विधायक अपने हथियारबंद समर्थकों के साथ किसानों को मारने पहुंचे हैं और यह बताते-बताते वे भावुक होकर रो पड़े तो पूरा माहौल एकदम से बदल गया। रातों-रात किसानों के फिर से धरने पर पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ और सुबह होते-होते वहां किसानों और समर्थकों की भारी भीड़ जमा हो गई।