सामाजिक न्याय को लागू करने के लिए जातिगत जनगणना सबसे ज़रूरी: मल्लिकार्जुन खड़गे

मोदी जी को तो बिना सड़कों पर आंदोलन करे OBC वर्ग का दर्जा मिल गया, पर देश में करोड़ों लोग OBC लिस्ट में अपने आप को शामिल कराने के लिए निरंतर संघर्ष कर रहें हैं: कांग्रेस अध्यक्ष

Updated: Feb 09, 2024, 11:03 AM IST

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले जातिगत जनगणना (Caste Census) का मुद्दा तूल पकड़ने लगा है। भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निकले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को कागजी ओबीसी बताया। वहीं, अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें तो बिना आंदोलन किए ओबीसी का दर्ज मिल गया, कई जातियां अब भी ओबीसी वर्ग में शामिल होने के लिए संघर्षरत हैं।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने राहुल गांधी ने 'कागजी ओबीसी' वाले ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा, 'आजकल पूरे देश को मोदी जी सामाजिक न्याय का पाठ पढ़ा रहें हैं। उनकी जाति को तो OBC दर्जा मिल गया। वो अपने आप को "सबसे बड़ा OBC" भी कहने लगे हैं। मोदी जी को तो बिना सड़कों पर आंदोलन करे OBC वर्ग का दर्जा मिल गया, पर देश में करोड़ों लोग OBC लिस्ट में अपने आप को शामिल कराने के लिए निरंतर संघर्ष कर रहें हैं।' 

खड़गे ने आगे लिखा, 'देश की कई सारी ऐसी पिछड़ी जातियां हैं, जो मोदी जी के Caste Census के विरोध के चलते, OBC दर्जा नहीं ले पाएंगी। महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात में लाखों लोग कई वर्षों से अपनी caste को OBC का दर्जा दिलवाने के लिए सड़कों पर उतरें हैं। OBC में विश्वगुरु तो मोदी जी बन गए ! पर ये नहीं बता रहे कि जातिगत जनगणना (Caste Census) कब होगा? सामाजिक न्याय को लागू करने के लिए जातिगत जनगणना सबसे ज़रूरी है। कांग्रेस पार्टी का वादा है कि हम जातिगत जनगणना ज़रूर करवाएंगे।'

बता दें कि इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कहा था कि मोदी जी जन्म से नहीं बल्कि ‘कागज़ी OBC’ हैं। वह अपने जन्म के 5 दशक बाद तक OBC नहीं थे। वे गुजरात के तेली जाति में पैदा हुए और साल 2000 में उनकी जाति को ओबीसी वर्ग में शामिल किया गया। इसके पहले वे जनरल कैटेगरी में आते थे।