केंद्र सरकार ने 156 दवाओं पर लगाया प्रतिबंध, कहा- मरीजों के लिए हो सकती हैं जानलेवा
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिन 156 दवाओं पर बैन लगाया है उनमें एंटी-एलर्जिक, बलगम सिरप और पैरासिटामोल टैबलेट शामिल है।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुखार, सर्दी, एलर्जी और दर्द के लिए इस्तेमाल की जाने वाली 156 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन दवाओं पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा कि ये दवाएं इंसान के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। 2016 के बाद यह दूसरा बड़ा प्रतिबंध है।
दरअसल, एफडीसी दवाएं दो या दो से ज्यादा दवाओं को निश्चित फार्मास्युटिकल अनुपात में मिलाकर तैयार किया जाता है। इन्हें कॉकटेल दवाएं भी कहा जाता है। इनमें मौजूद कुछ संयोजन तत्वों की मरीजों को कोई जरूरत नहीं होती। इसके बावजूद वो चीजें मरीज के शरीर में जाकर नुकसान पहुंचाती हैं। उदाहरण के लिए बुखार से निजात पाने के लिए पैरासिटामोल खाना काफी होता है लेकिन मरीजों को ना चाहते हुए भी एंटीबायोटिक का कॉम्बिनेशन लेना पड़ता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिन 156 दवाओं पर बैन लगाया है उनमें एंटी-एलर्जिक, बलगम सिरप और पैरासिटामोल टैबलेट शामिल है। इसके अलावा मुहांसे खत्म करने वाली क्रीम, एंटीबायोटिक दवा के साथ उल्टी रोकने की दवा का मिश्रण, एलोवेरा के साथ मिंथॉल का मिक्सचर, जलन की दवा में एंटीसेप्टिक एजेंट, एलोवेरा और विटामिन के मिश्रण पर प्रतिबंध लगाया गया है।
इसी तरह मासिक धर्म के दौरान पेट की ऐंठन से निजात पाने के लिए महिलाएं मेफेनैमिक एसिड नामक दवा खाती हैं। इसमें कई गैर-जरूरी ड्रग्स भी मौजूद रहते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन पर बैन लगा दिया है। इन प्रतिबंधित दवाओं की लिस्ट में वे दवाएं शामिल हैं, जिनका उपयोग बालों के विकास, त्वचा की देखभाल और दर्द से राहत के लिए या मल्टीविटामिन के तौर पर किया जा रहा था।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने 156 FDCs पर तत्काल प्रभाव से बैन लगाने का आदेश दिया है। हालांकि, एक्सपर्ट्स इस बात को लेकर हैरान हैं कि यह भला कैसे संभव हो सकता है? चुंकी, कई दवाओं की सप्लाई हो चुकी है, वो मेडिकल स्टोर में मौजूद हैं। उन्हें इतनी जल्दी वापस लेना मुमकिन नहीं है। साथ ही इन दवाओं का इस्तेमाल सालों से हो रहा है। दवा बनाने वाली कंपनियों ने अभी तक प्रतिबंध से पड़ने वाले आर्थिक असर की घोषणा नहीं की है। लेकिन सिप्ला, टोरेंट, सन फार्मा, आईपीसीए लैब्स और ल्यूपिन जैसी प्रमुख फार्मा कंपनियों के कुछ उत्पाद प्रतिबंध से प्रभावित हुए हैं।