भारत को मिलेगा तीसरा टीका, केंद्र ने Sputnik-V को दी मंजूरी, 91.6 फीसदी प्रभावी है यह वैक्सीन

देशभर में कोहराम मचा रहे कोरोना की दूसरी लहर के बीच वैक्सीन की किल्लत, केंद्र सरकार ने आपात इस्तेमाल के लिए दिया मंजूरी, रूस ने किया है वैक्सीन को विकसित

Updated: Apr 12, 2021, 12:07 PM IST

Photo Courtesy : DNA India
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नई दिल्ली। भारत में कोहराम मचा रहे कोरोना से लड़ने के लिए देश में तीसरे वैक्सीन के आने का रास्ता साफ हो गया है। केंद्र रूस द्वारा डेवलप किया गया स्पूतनिक-V को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। बताया जा रहा है कि इस टीके की प्रभावशीलता 91.6 फीसदी है। भारत में इस वैक्सीन का प्रोडक्शन हैदराबाद के डॉ रेड्डीज लैब के द्वारा की जा रही है।

भारतीय दवा नियामक की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी स्पूतनिक-V को इमरजेंसी यूज की मंजूरी देने पर विचार करने के लिए आज अहम बैठक की थी। इस बैठक के बाद रूस द्वारा विकसित इस वैक्सीन को आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी गई। इसी के साथ अब स्पूतनिक-V देश में चल रहे कोरोना के खिलाफ इस निर्णायक लड़ाई में तीसरा टीका रूपी हथियार बन गया है।

इस वैक्सीन का नाम स्पुतनिक-V सोवियत रूस के पहले स्पेस सैटेलाइट के नाम पर रखा गया है। कोवैक्सीन और कोविशिल्ड के तरह ही लोगों को इसका भी दो खुराक लेना होगा। फिलहाल इसके दाम कितने होंगे इस बात की जानकारी सामने नहीं आई है, हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसका एक खुराक 10 डॉलर से कम में उपलब्ध है। स्पुतनिक V भारत को वैक्सीन की 8.5 करोड़ डोज़ मुहैया कराएगा। इसे ड्राय फॉर्मेट में 2 से 8 डिग्री तापमान पर सुरक्षित रखा जा सकता है।

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स्पूतनिक-V के बारे में कहा जा रहा है कि इसकी प्रभावशीलता 91.6 फीसदी है। भारत में इस्तेमाल की जा रही दोनों वैक्सीन से यह काफी ज्यादा है। विश्वभर में मोडर्ना और फाइजर के बाद यह सबसे ज्यादा प्रभावशाली टीका है। बता दें कि अभी देश में दो टीके इस्तेमाल हो रहे हैं इनमें कोविशिल्ड और कोवैक्सीन है। कोविशिल्ड ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित की गई है और निर्माण कार्य भारत के सीरम इंस्टिट्यूट में हो रहा है, वहीं कोवैक्सीन भारत निर्मित टीका है।