टूलकिट केस: मैनिपुलेटेड मीडिया के टैग पर भड़की मोदी सरकार, ट्विटर के खिलाफ खोला मोर्चा
फर्जी टूलकिट मामले में बीजेपी नेताओं के ट्वीट पर कंपनी ने लगाया मैनिपुलेटेड मीडिया का टैग, केंद्र सरकार बोली- इसे तत्काल हटाएं, हमारी जांच में दखल ने दें

नई दिल्ली। टूलकिट मामले में बीजेपी नेताओं की मुश्किलें बढ़ती देख केंद्र सरकार ने अब ट्विटर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्टी नेताओं के ट्वीट्स पर मैनिपुलेटेड यानी भ्रामक या झूठा होने का टैग लगाए जाने की वजह से बौखलाई केंद्र सरकार ने कंपनी को अपनी हद में रहने की चेतावनी दी है। सरकार ने ट्विटर से यह भी कहा है कि मैनिपुलेटेड मीडिया का टैग तत्काल वापस लिया जाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने ट्विटर के एक्शन के खिलाफ कड़े शब्दों में आपत्ति जताते हुए कंपनी को नोटिस भेजा है। आईटी मंत्रालय द्वारा भेजे गए इस नोटिस में कहा गया है कि बीजेपी नेताओं ने जिस बारे में ट्वीट किया है वह अभी कानूनी जांच के दायरे में है। कानूनी जांच के बाद इस संबंध में सत्यता सामने आएगी। ऐसे में जांच से पहले ट्विटर कोई निष्कर्ष तक कैसे पहुंच सकता है। ट्विटर द्वारा मनमाने ढंग से मैनिपुलेटेड मीडिया का टैग डालने का कदम पूर्वाग्रह से ग्रसित है। ट्विटर को इस जांच में दखल नहीं देना चाहिए।
दरअसल, माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने संबित पात्रा समेत कई नेताओं के ट्वीट पर मैनिपुलेटेड मीडिया यानी भ्रामक और झूठा होने का लेबल लगा दिया है। ट्विटर के इस टैग से पहले देश के प्रतिष्ठित फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ ने भी अपनी जांच में पाया था कि इन नेताओं द्वारा साझा किया गया टूलकिट एक फॉर्जरी यानी जालसाजी अथवा कूटरचना है। इसी बात को लेकर बीजेपी के बचाव में केंद्र सरकार उतरी है और कंपनी से यह कदम वापस लेने को कहा।
Friends look at the #CongressToolKit in extending help to the needy during the Pandemic!
— Sambit Patra (@sambitswaraj) May 18, 2021
More of a PR exercise with the help of “Friendly Journalists” & “Influencers” than a soulful endeavour.
Read for yourselves the agenda of the Congress:#CongressToolKitExposed pic.twitter.com/3b7c2GN0re
ट्विटर की पॉलिसी के मुताबिक कंपनी ऐसे ट्वीट्स पर मैनिपुलेटेड मीडिया का लेबल लगाती है जिनमें छलपूर्वक तोड़ मरोड़कर ऑडियो, वीडियो अथवा तस्वीरों को पेश किया जाता हो। आप भ्रामक और झूठे मीडिया को ट्विटर पर इस तरीके से शेयर नहीं कर सकते हैं जिससे लोग गुमराह हों, धोखा खाएं जिससे किसी की शारीरिक सुरक्षा को खतरा पहुंच सकता है या अन्य गंभीर नुकसान हो सकते हैं। इसी पॉलिसी के तहत ट्वीटर ने संबित पात्रा समेत कई बीजेपी नेताओं के ट्वीट पर मैनिपुलेटेड मीडिया का लेबल लगा दिया।
Another #CongressToolKit inspired move? #CongressToolkitExposed pic.twitter.com/EL6dkZYeKf
— Shefali Vaidya. (@ShefVaidya) May 18, 2021
पिछले साल हुए अमेरिकी आम चुनाव में ट्विटर की यह पॉलिसी तब सुर्खियों में आई थी जब तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रंप लगातार झूठी बातें शेयर करते थे। ट्विटर की ओर से कई चेतावनियों के बावजूद जब ट्रंप नहीं माने तो करोडों फॉलोवर्स होने के बाद भी उनका अकाउंट हमेशा के लिए सस्पेंड कर दिया गया। ऐसे में संबित पात्रा के खिलाफ ट्वीटर के एक्शन को भी एक चेतावनी के रूप में ही देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि पात्रा यदि भविष्य में भी ऐसी फर्जी चीजें ट्वीट करने से बाज नहीं आए तो उन्हें भी अपने अकाउंट से हाथ धोना पड़ सकता है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने 18 मई को ट्विटर पर एक टूलकिट शेयर किया था। पात्रा ने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी देश और प्रधानमंत्री मोदी को बदनाम करने के लिए षड्यंत्र रच रही है। पात्रा के मुताबिक कांग्रेस का प्लान देश में फैले कोरोना के नए वैरिएंट को इंडियन स्ट्रेन या मोदी स्ट्रेन कहलवाना है। साथ ही कुंभ को सुपर स्प्रेडर बताना है। इतना ही नहीं पात्रा ने देशभर में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा की जा रही मदद को जन संपर्क का जरिया करार दिया है। पात्रा ने यहां तक आरोप लगाया है कि कांग्रेस नेता विदेशी पत्रकारों के ज़रिए भारत की छवि खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
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इसके बाद बीजेपी के कई बड़े नेता इस डॉक्युमेंट को शेयर करने लगे। हालांकि, कांग्रेस ने तत्काल पलटवार करते हुए पात्रा के दावों को झूठा बताया था। कांग्रेस ने दिल्ली पुलिस से इसकी शिकायत भी की थी। उधर कांग्रेस ज छात्र संगठन एनएसयूआई ने इस मामले में रायपुर सिविल लाइन थाने में संबित पात्रा के खिलाफ एफआईआर की थी। इसमें एनएसयूआई ने आरोप लगाया था कि बीजेपी नेताओं द्वारा कोरोना काल में हिंसा भड़काने का षड्यंत्र रची जा रही है। इसके बावजूद बीजेपी इस बात पर अड़ी रही की यह टूलकिट कांग्रेस की है।
इस पूरे मामले में नया मोड़ तब आया जब प्रतिष्टित फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ ने इसकी जांच की। फैक्ट चेक एजेंसी ने अपनी जांच में पाया की कांग्रेस के फर्जी लेटरहेड पर इस टूलकिट को बनाया गया है। न्यूज़ एजेंसी ने इस बारे में रिपोर्ट प्रकाशित कर बीजेपी को बेनकाब कर दिया। इसके बाद कांग्रेस ने ट्विटर से मांग की है कि जेपी नड्डा, संबित पात्रा, स्मृति ईरानी और बीएल संतोष के अकॉउंट्स को तत्काल प्रभाव से हमेशा के लिए सस्पेंड कर दिया जाए। मामले की सच्चाई आने के बाद एक ओर ट्विटर यूजर्स बीजेपी नेताओं को खूब भला बुरा कह रहे हैं, तो बीजेपी नेताओं ने ट्विटर को ही निशाने पर लेना शुरू कर दिया है।