Digvijaya Singh: किसानों से चर्चा अच्छी बात, अब किसान मज़दूर विरोधी क़ानून वापस ले सरकार
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसानों के साथ चर्चा करके सरकार ने भले ही देर से लेकिन सही कदम उठाया है, अब उसे किसान-मज़दूर विरोधी कृषि क़ानून रद्द कर देना चाहिए
भोपाल/नई दिल्ली। कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच आज हो रही बातचीत पर खुशी जाहिर की है। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने किसानों के बारे में सरकार के अब तक के रवैये पर तंज़ भी किया है। दिग्विजय सिंह ने कहा है कि सरकार को किसानों से बातचीत का कदम उन पर वॉटर कैनन से ठंडा पानी बरसाने के पहले ही उठा लेना चाहिए था। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने भले देर से लेकिन सही कदम उठा लिया है, तो उसे एक कदम और आगे बढ़ते हुए मज़दूर-किसान विरोधी कानून को रद्द भी कर देना चाहिए।
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कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय ने गुरुवार को ट्विटर पर लिखा,"केंद्र सरकार किसान प्रतिनिधियों से आज चर्चा कर रही है मुझे प्रसन्नता है। ठंड में किसानों पर ठंडा पानी बरसाने के बजाय पहले ही चर्चा कर लेते। देर से आए दुरुस्त आए। किसान मज़दूर विरोधी क़ानून वापस लें।"
केंद्र सरकार किसान प्रतिनिधियों से आज चर्चा कर रही है मुझे प्रसन्नता है। ठंड में किसानों पर ठंडा पानी बरसाने के बजाय पहले ही चर्चा कर लेते। देर से आए दुरुस्त आए। किसान मज़दूर विरोधी क़ानून वापस लें। #किसान_विरोधी_मोदी_सरकार
— digvijaya singh (@digvijaya_28) December 3, 2020
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दिग्विजय सिंह इससे पहले भी कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर चुके हैं। वहीं बुधवार शाम को किसान नेताओं ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कृषि कानूनों को संसद का विशेष सत्र बुला कर रद्द करने की मांग की। गुरुवार दोपहर तीन बजे किसान नेताओं और सरकार के बीच बातचीत होनी है। किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं।