अप्रैल में 75 लाख लोगों ने रोजगार से धोया हाथ, बेरोजगारी दर चार महीने के सबसे उच्च स्तर पर

सेंटर फॉर मोनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (CMIE) की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल में बेरोजगारी दर 8 फीसदी तक जा पहुंची है

Updated: May 04, 2021, 04:33 AM IST

Photo Courtesy: HT
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नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी ने देश में दोतरफा कहर बरपाया है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर एक तरफ बड़ी तेजी से लोगों की प्राण ले रही है तो दूसरी तरफ लोगों की रोजी-रोटी भी छीन रही है। सेंटर फॉर मोनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (CMIE) की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अप्रैल महीने में देशभर में 75 लाख लोगों की रोजगार छीन गई। इतना ही नहीं देश में बेरोजगारी दर 8 फीसदी तक जा पहुंची है।

सीएमआईई कि रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल में पूरे देश की औसत बेरोजगारी दर बढ़कर 7.97 फीसदी हो गई है। यह पिछले 4 महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर है। इससे एक महीने पहले यानी मार्च में बेरोजगारी दर का राष्ट्रीय औसत महज 6.50 फीसदी था। शहरी इलाकों का हाल तो और भी बुरा है। शहरी इलाकों में अप्रैल के महीने में बेरोज़गारी की दर 9.78 फीसदी तक जा पहुंची है। हालांकि, इसके मुकाबले गांवों की हालत कुछ कम खराब है। ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर 7.13 फीसदी दर्ज की गई है। 

सेंटर फॉर मोनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (CMIE) के सीईओ महेश व्यास ने कहा है कि आने वाले समय में रोजगार के मोर्चे पर स्थिति और भी बदतर होने की आशंका है। उन्होंने कोरोना की दूसरी लहर के पीक के बारे में तो कुछ नहीं कहा लेकिन यह बताया कि मौजूदा हालातों का असर काफी लंबे समय तक रहने का अनुमान है, जिससे आने वाले समय में बेरोजगारी दर लगातार बढ़ती रहेगी। 

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हालांकि, व्यास ने इस दौरान यह भी कहा कि हालात अभी उतने बुरे नहीं हैं जितना कि पिछले साल लॉकडाउन के दौरान था। उस दौर में तो बेरोजगारी दर 24 फीसदी तक जा पहुंची थी। हालांकि, मौजूदा प्रतिबंध के वजह से भी रोजगार पर भारी दबाव पड़ रहा है। गौरतलब है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर की वजह से देश के कई इलाकों में कम्पलीट लॉकडाउन जैसे हालात हैं। इन इलाकों में सिर्फ अतिआवश्यक गतिविधियों की ही इजाजत है, जबकि ज्यादातर बाकी कामकाज बंद पड़े हैं। इसके कारण आर्थिक गतिविधियों पर कुल मिलाकर काफी बुरा असर पड़ रहा है। देश के लाखों लोगों की नौकरियां छिन जाना इसी का नतीजा है।