केरल : कोरोना से स्‍वस्‍थ होने की दर सबसे ज्‍यादा

केरल में कोरोना पॉजिटिव पाए गए लोगों के पूरी तरह स्वस्थ होने की दर पूरे देश मे सर्वाधिक पाई गई है। महाराष्ट्र में संक्रमित 35 लोगों के पूरी तरह स्वस्थ होने की दर 5.5 फीसदी और दिल्ली में करीब 4 फीसदी ही है।

Publish: Apr 07, 2020, 02:31 AM IST

नई दिल्‍ली।  पूरी दुनिया इनदिनों कोरोना संकट से जूझ रही है। भारत में जारी लॉक डाउन के बीच केरल से एक अच्छी ख़बर आ रही है। केरल में कोरोना पॉजिटिव पाए गए लोगों के पूरी तरह स्वस्थ होने की दर पूरे देश मे सर्वाधिक पाई गई है। 9 मार्च से 20 मार्च के बीच पॉजिटिव पाय गए पहले 25 मरीजों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है। इस अवधि में केरल में लोगों के कोरोना संक्रमित लोगों के पूरी तरह ठीक होने की दर 84 फीसदी रही। हालांकि 30 जनवरी के बाद राज्य में पॉजिटिव पाए गए कुल 314 मामलों में लोगों के स्वस्थ होने की दर 17 फीसदी ही है। जबकि महाराष्ट्र में 9 मार्च से 20 मार्च के बीच पहले संक्रमित 35 लोगों के पूरी तरह स्वस्थ होने की दर 5.5 फीसदी और दिल्ली में करीब 4 फीसदी ही है।

स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि केरल में पूरे देश की तुलना में  कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या भी कम है। साथ ही अस्पतालों में भर्ती लोगों के ठीक होकर डिस्चार्ज होने की दर भी सबसे अधिक है।

गौरतलब है कि मार्च महीने में केरल और महाराष्ट्र में ही बड़ी संख्या में लोगों के कोरोना संक्रमित होने के मामले देश मे सबसे पहले आये थे। लेकिन केरल संक्रमित लोगों का उपचार करने और संक्रमण को फैलने से रोकने में महाराष्ट्र की तुलना में काफी प्रभावी रहा। कोरोना जांच के लिए सैंपल इकट्ठा करने के मामले में भी  राजस्थान के बाद केरल का नम्बर है। रविवार तक राज्य में कुल 9,744 सैंपल जांच के लिए इकट्ठा किये जा चुके हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले साल केरल में फैले निपाह वायरस और बाढ़ों की चुनौती का सामना करने के कारण राज्य ने आपदा से निपटने के लिए बेहतर तैयारियां की है, इस कारण कोरोना संकट के समय मे राज्य इसका बेहतर तरीके से मुकाबला कर पा रहा है।