हरियाणा में भैंस के बच्चे में मिला कोरोना का खतरनाक वेरिएंट बुवाइन

कोरोना का नया वेरिएंट बुवाइन पशुओं के दूध, मीट के साथ-साथ उनके मल-मूत्र से इंसान में पहुंचने का खतरा, पशुओं के बीमार होने पर जल्द इलाज और दूसरे जानवरों से अलग रखने की अपील, नैनो फार्मूलेशन से इसका इलाज तलाशने की हो रही कोशिश

Updated: Jul 10, 2021, 08:54 AM IST

Photo Courtesy:  youtube
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कोरोना के मामले भले ही कम हो रहे हैं लेकिन उसके नित नए वेरिएंट्स का खुलासा हो रहा है। अब कोरोना वायरस का नया वेरियंट बुवाइन का पता चला है, हिसार में यह नया वेरिएंट भैंस से एक महीने के बच्चे में मिला है। यह बुवाइन कोरोना वायरस भैंस के नवजात बच्चे में मिला है। भैंस का बच्चा एक महीने का है, उसके भीतर वायरस का खुलासा लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के एनिमल बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने किया है। यह कोरोना के खतरनाक वेरिएंट्स में से एक है। यह बुवाइन कोरोना वायरस पशुओं से इंसानों में आसानी से पहुंच सकता है। उसके दूध, मीट, मलमूत्र से यह फैल सकता है। जिस जानवर में इसका संक्रमण होता है उसे दस्त लगने लगता है। फिर धीरे-धीरे शरीर में पानी की कमी हो जाती है।

दरअसल हरियाणा में 250 से ज्यादा भैंस के बच्चों के सैंपलों की जांच हुई है। जिनमें से बड़ी संख्या में भैसें संक्रमित मिले हैं। जिसके बाद लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान यूनीवर्सिटी के एनिमल बायोटेक्नोलॉजी विभाग की रिसर्च में 5 सैंपल्स की सीक्वेंसिंग के दौरान इस खतरनाक वेरिएंट का पता चला है। दरअसल बुवाइन करोना वायरस किसी जानवर पर कितना असर डालती  है, यह जानने के लिए रिसर्च की गई थी। इसकी जांच में जुटे वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना के बाद आगामी एक दशक तक आने वाली बीमारियां जानवरों से इंसानों में आएंगी। पशुओं में पाए जाने वाले बुवाइन कोरोना वायरस इनके मल-मूत्र, दूध और मांस के माध्यम से इंसान तक पहुंच सकता है। खबरों की मानें तो भैंस से पहले यह वायरस ऊंट से बच्चे में आया था। ये वायरस लगातार अपना म्यूटेंट बनाते रहते हैं।

एक्सपर्टस का कहना है कि अगर यह कोरोना का नया वेरिएंट म्युटेंट होकर जानवरों से इंसानों में पहुंचा तो बड़ी हानी पहुंचा सकता है।  बताया जा रहा है कि SARS Covid-2 वायरस से भी इंसानों को पहले दस्त के लक्षण नजर आए थे। अब शोधकर्ता नैनो फार्मूलेशन से इसका इलाज तलाशने में जुटे हैं।   

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यह पहला मौका नहीं है जब किसी जानवर में कोरोना संक्रमण मिला है। इससे पहले हैदराबाद के नेहरू जूलॉजिकल पार्क के 8 एशियाई शेरों को कोरोना संक्रमण हुआ था। इनमें कोरोना के हल्के लक्षण थे, बुखार और सर्दी के बाद उनका टेस्ट करवाया गया था।