नमामि गंगे के चीफ ने स्वीकारा गंगा में बहाई गईं लाशों का सच, राहुल बोले मृतकों के दर्द का सच छुपाना असंभव

नामामि गंगे के महानिदेशक और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने प्रमुख राजीव रंजन मिश्रा ने अपनी नई किताब में गंगा में बहाई गईं लाशों का उल्लेख किया है, उन्होंने कहा है कि दूसरी लहर के दौरान लगभग तीन सौ लाशों को गंगा में बहाया गया था

Updated: Dec 24, 2021, 12:57 PM IST

Photo Courtesy: India Times
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नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान उत्तर प्रदेश में गंगा में बहाई गईं लाशों का स्वच्छ खुद नमामि गंगा के प्रमुख ने स्वीकार लिया है। नमामि गंगे में महानिदेशक के पद पर तैनात राजीव रंजन मिश्र ने यह खुलासा अपनी नई किताब में किया है। उन्होंने अपनी किताब में आंकड़ों के हवाले से बताया है कि दूसरी लहर के दौरान करीब तीन सौ लाशों को बहाया गया था। 

राजीव रंजन मिश्र ने अपनी नई किताब गंगा: रिइमेजिंग, रिजुवनेटिंग, रीकनेटिंग में गंगा में बहाई गईं लाशों के बारे में खुलासे किए हैं। इस किताब में बताया गया है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अधजले शवों को फेंकने के लिए गंगा एक आसान जगह बन गई थी।

किताब के एक चैप्टर में यह उल्लेखित किया गया है कि दूसरी लहर में मौतों की संख्या बढ़ने के साथ साथ अंतिम संस्कार करने की जगह का दायरा भी बढ़ता चला गया। गंगा नदी लावारिस शवों को फेंकने के लिए डंपिंग ग्राउंड बन गई। राजीव मिश्रा ने तमाम ज़िला प्रशासन द्वारा मुहैया कराए गए आंकड़ों के हवाले से लिखा कि इस दौरान कम से कम तीन सौ लावारिस लाशों को गंगा में बहाया गया था।

राजीव मिश्रा ने अपनी किताब में तमाम घटनाक्रमों का ज़िक्र करते हुए कहा था कि जब गंगा में बहती लाशों की बात मीडिया में आई, उस वक्त वे कोरोना से संक्रमित थे और गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। उन्होंने इलाज के दौरान ही समाचार पत्रों, सोशल मीडिया के माध्यम से गंगा में बहती लाशों का भयावह नजारा देखा था।

राजीव मिश्रा ने कहा कि उनके लिए यह बेहद दर्दनाक और दिल तोड़ देने वाला अनुभव था। क्योंकि एनएमसीजी के प्रमुख के तौर पर उनका काम गंगा को स्वच्छ रखना था। गंगा में तैरती लावारिस लाशों के बारे में पता चलने पर राजीव मिश्रा ने उत्तर प्रदेश और बिहार की तमाम गंगा जिला समितियों इस मसले पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा था। 

राजीव मिश्रा 1987 बैच के तेलंगाना कैडर के अधिकारी रहे हैं और अपने दो कार्यकालों में लगभग पांच साल वे एनएमजीसी में अपनी सेवा दे चुके हैं। 31 दिसंबर को राजीव मिश्रा रिटायर होने वाले हैं और अपनी रिटायरमेंट से पहले उन्होंने अपनी किताब के ज़रिए गंगा में बहाई गई लाशों का खुलासा कर दिया है। हालांकि गंगा में बहाई गईं लाशों की संख्या के आंकड़े पर अब भी असमंजस बरकरार है। क्योंकि अनुमान के मुताबिक हजारों लावारिस लाशों को गंगा में बहते देखा गया था। 

राजीव मिश्रा के खुलासे के बाद एक बार फिर गंगा में बहाई गईं लाशों का मुद्दा गरमा गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि गंगा की लहरों में कोविड मृतकों के दर्द का सत्य बह रहा है जिसे छुपाना संभव नहीं। उन्होंने पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग करते हुए कहा है कि पीड़ित परिवारों को हरजाना देना न्याय की तरफ़ पहला कदम होगा।