ड्राइव थ्रू के नाम पर निजी अस्पतालों की लूट, दिल्ली में कंप्लीट वैक्सीनेशन चार्ज 3600 रुपए

यदि आप कार में बैठकर टीका लेना चाहते हैं तो आपको एक डोज के लिए चुकाने होंगे 1800 रुपए, निजी अस्पतालों की मनमानी पर नहीं लग रहा लगाम

Updated: Jun 04, 2021, 07:35 AM IST

Photo Courtesy: NBT
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नई दिल्ली। कोरोना संकट काल के दौरान देशभर के निजी अस्पतालों से लूट की खबरें सामने आ रही है। शुरू में कोविड-19 टेस्ट के लिए, उसके बाद कोविड-19 इलाज के दौरान और अब वैक्सीनेशन के दौरान भी अस्पतालों की मनमानी जारी है। स्थिति यह है की देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वैक्सीन के एक शॉट के लिए 1800 रुपए चार्ज किए जा रहे हैं। यानी कंप्लीट वैक्सीनेशन के लिए आपको 3600 रुपए चुकाने होंगे।

वैक्सीनेशन के दौरान मोटी रकम वसूलने के लिए अस्पतालों ने एक नई व्यवस्था इंट्रोड्यूस की है। यह व्यवस्था ड्राइव थ्रू वैक्सीनेशन है। यह नई व्यवस्था सिर्फ उनके लिए है जो चार पहिया वाहन में बैठकर अस्पताल जाएंगे। इसके तहत आपको गाड़ी में बैठे-बैठे टीका लगा दिया जाएगा। हालांकि, इस दौ8Jरान आप गाड़ी ड्राइव नहीं कर सकते हैं, बल्कि रोककर टीका दी जाएगी। डॉक्टरों का कहना है कि यह व्यवस्था ज्यादा सुरक्षित है, क्योंकि अस्पताल के भीतर आने के बाद आपके संक्रमित होने के चांस रहते हैं। 

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ड्राइव थ्रू वैक्सीनेशन के लिए अस्पतालों के रेट्स देखें तो मूलचंद हॉस्पिटल सबसे महंगा है। यहां कोवैक्सीन का एक डोज ₹1800 में मिल रहा है। इसके अलावा आकाश हॉस्पिटल में कोविशील्ड ₹1400 और मैक्स साकेत हॉस्पिटल में कोविशील्ड ₹1100 में दिए जा रहे हैं। ऑनसाइट यानी अस्पताल में बैठकर वैक्सीनेशन का रेट में हजार से 1250 रूपए तक लिए जा रहे हैं। 

राजधानी के अपोलो, गंगाराम और फोर्टिस जैसे अस्पतालों में कोवैक्सीन का एक डोज 1250 में मिल रहा है। वहीं अपोलो, बीएलके और आकाश अस्पताल में कोविशिल्ड के एक डोज 900 से लेकर 1000 तक में दिए जा रहे है। दिल्ली में फिलहाल दो प्रकार की वैक्सीन की सप्लाई हो रही है। एक सीरम इंस्टिट्यूट की कोविशील्ड है और दूसरी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन। 

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कोविशील्ड की एक डोज की कीमत केंद्र सरकार को 150 रुपये, राज्य सरकार को 300 और प्राइवेट अस्पताल के लिए 600 रुपये चुकानी पड़ती है। कोवैक्सीन के एक डोज की कीमत केंद्र सरकार को 150 रुपये, राज्य सरकार को 600 और प्राइवेट को 1200 रुपये भरनी पड़ती है। ऐसे में यदि देखा जाए तो निजी अस्पताल 400 से लेकर 600 तक ज्यादा वसूलने में जुटे हैं। 

दिल्ली मेडिकल काउंसिल के प्रेसिडेंट डॉ अरुण गुप्ता ने मनमानी कीमतों पर टीकाकरण को गलत बताया है। डॉ गुप्ता का कहना है कि, 'यह पूरी तरह से गलत है। वैक्सीनेशन प्रोग्राम को केंद्र सरकार ने इतना कठिन कर दिया है कि टीका लेना बेहद मुश्किल है। किसी को फ्री, कहीं महंगा, कहीं बहुत ज्यादा कीमत पर वैक्सीन। इसने फाइनैंशियली बंटवारा कर दिया है। गरीब लोगों के बारे में सरकार ने सोचा ही नहीं। अब तो कीमत पर भी सरकार का कंट्रोल नहीं है।'