वैक्सीन एक्सपोर्ट पर दिल्ली हाईकोर्ट की सरकार को सलाह, पहले देश की करें परवाह

दिल्ली हाईकोर्ट ने न्यायपालिका से जुड़े लोगों को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाए जाने की माँग पर सुनवाई करते हुए टिप्पणी की, जो देश मित्र नहीं हैं उन्हें भी वैक्सीन एक्सपोर्ट किए जाने का लिया संज्ञान

Updated: Mar 11, 2021, 05:16 AM IST

Photo Courtesy: DNA India
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नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने भारत से कोरोना वैक्सीन बड़े पैमाने पर निर्यात किए जाने की ख़बरों का संज्ञान लेते हुए सरकार को सलाह दी है कि वो पहले देश के नागरिकों की परवाह करे और फिर दूसरे देशों में एक्सपोर्ट करके नाम कमाने के बारे में सोचे। जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की खंडपीठ ने मोदी सरकार से कहा कि पहले देश की जरूरत पूरी करिए, उसके बाद विदेशों में वैक्सीन भेजी जाए। कोर्ट ने यह टिप्पणी जजों, वकीलों और अदालत के कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर कोरोना वैक्‍सीन लगाने की मांग संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये टिप्पणी की।

दिल्ली हाईकोर्ट ने इसके साथ ही याचिका में उठाई गई उस मांग को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि अगली सुनवाई तक वैक्सीन के एक्सपोर्ट पर रोक लगाई जाए। जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने कोरोना वैक्सीन के एक्सपोर्ट पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि सरकार को इस मसले पर फैसला लेने का अधिकार है।

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि टीकाकरण को पेशे के हिसाब से नहीं, बल्कि उम्र और संक्रमण के जोखिम की कैटेगरी के हिसाब से किया जा रहा है। यह कैटेगरी विशेषज्ञों की सलाह के हिसाब से बनाई गई है। इस पर कोर्ट ने कहा, 'अखबारों में इस तरह की खबरें आई हैं कि कोविड वैक्सीन का एक्सपोर्ट उन देशों को भी किया जा रहा है जिनकी हमसे मित्रता नहीं है। पहले आप अपने देश के सभी नागरिकों के लिए कोरोना का टीका उपलब्‍ध कराएं उसके बाद वैक्‍सीन बाहर भेजने के बारे में सोचें।'  हालांकि अदालत ने किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन कोर्ट की यह टिप्पणी पाकिस्तान को भारत की तरफ से बड़ी संख्या में मुफ्त कोरोना वैक्सीन मुहैया कराए जाने की खबरों से जुड़ी लगती है। 

हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि न्यायपालिका लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। इसकी तुलना किसी और पेशे के साथ नहीं की जा सकती। बेंच ने कहा कि कोर्ट में हर दिन हजारों लोग आते हैं। ऐसे में हम यह नहीं कह सकते कि यहां महामारी बेअसर हो चुकी है। जवाब में तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार कोरोना महामारी को लेकर गंभीर है और सभी नागरिकों की सेहत को पूरा महत्व दे रही है। उन्होंने दावा किया कि कोरोना टीकाकरण के मामले में भारत दूसरे  देशों की तुलना में काफी आगे है। उन्होंने सफ़ाई देते हुए कहा कि वे न्यायपालिका की तुलना किसी और पेशे से नहीं कर रहे, बल्कि यह बता रहे हैं कि टीकाकरण सेहत की जरूरत व संक्रमण के जोखिम के आधार पर किया जा रहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 19 मार्च को होगी।